चीन में अरबी शैली की विशेषताओं को बरकरार रखने वाली आखिरी प्रमुख मस्जिद का गुंबद गिरा दिया गया है । इतना ही नहीं इसकी मीनारों को इस्लामिक वास्तुकला से हटाकर चीनी शिल्पकला में ढाल दिया गया है। इसके साथ ही चीन में सभी मस्जिदों को गुंबद विहीन कर का सरकारी लक्ष्य पूरा हो गया है । जो विशेषज्ञों का कहना है कि देश के मुस्लिम पूजा स्थलों को पापी बनाने के लिए एक सरकारी अभियान पूरा हो गया है। शादियान की ग्रैंड मस्जिद, चीन की सबसे बड़ी और भव्य मस्जिदों में से एक है । दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत में शादियान में यह मस्जिद है ।
अचानक गायब हो गया गुंबद
2023 तक यहां 21,000 वर्ग मीटर के परिसर में एक बड़ी इमारत थी जिसके शीर्ष पर एक टाइल वाला हरा गुंबद था। गुंबद के ऊपर आधा चांद लगा था जिसके दोनों ओर चार छोटे गुंबद और ऊंची मीनारें थीं। 2022 की सैटेलाइट तस्वीरों में में प्रवेश मंडप को चमकदार काली टाइलों से बने एक बड़े अर्धचंद्र और तारे से सजा हुआ देखा जा सकता है ।
सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
2024 की तस्वीरों में पता चलता है कि गुंबद को हटा दिया गया है और उसकी जगह हान चीनी शैली के पगोडा छत को लगा दिया गया है, और मीनारों को छोटा कर दिया गया है और उसे पगोडा टावरों में बदल दिया गया है। अर्धचंद्र और तारा टाइलों का केवल एक हल्के निशान के तौर पर देखा जा सकता है ।
मस्जिदों को गुंबद विहीन करने की साजिश
2018 में चीनी सरकार ने “इस्लाम के चीनीकरण” पर एक पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की थी । इस योजना का मकसद था “विदेशी वास्तुकला शैलियों खासतौर से इस्लामी वास्तुकला की खत्म करना । इसी योजना के तहत पूरे चीन में मस्जिदों से इस्लामी पहचान खत्म कर उसे चीनी वास्तुकला में बदला जा रहा है था ।
विशाल मस्जिद की जगह अब ‘पैगोडा’
शादियान, चीन के युन्नान प्रांत में स्थित एक छोटा सा कस्बा, अपनी खूबसूरत और भव्य ग्रैंड मस्जिद के लिए प्रसिद्ध रहा है । यह मस्जिद न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि अपनी वास्तुकला की सुंदरता और इतिहास के लिए भी जानी जाती थी जिसे अब बदल दिया गया है । शादियान की ग्रैंड मस्जिद की स्थापना 1979 में हुई थी। यह मस्जिद 1981 में पूरा हुआ और 13,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, जिससे यह चीन की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक बन गई है। मस्जिद का निर्माण मुख्य रूप से शादियान के स्थानीय ह्वेई मुस्लिम समुदाय द्वारा किया गया था, जो कि चीन की सबसे बड़ी मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों में से एक है।