रांची: ग्रामीण विकास विभाग के जेल में बंद चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की शासन-प्रशासन पर कैसी पकड़ थी उसको इस तरह से समझा जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वीरेंद्र राम पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं किया गया।
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इस मामले पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य सरकार के अवर सचिव द्वारा मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के प्रधान सचिव को 15 नवंबर 2023 को पत्र लिखकर वीरेंद्र राम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था। 6 महीने बाद भी मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद भी मंत्रिमंडल निगरानी विभाग ने प्राथमिकी से संबंधित संचिका को दबा दिया। अवर सचिव द्वारा लिखे गये पत्र में इस बात का स्पष्ट वर्णन है कि इस मुद्दे पर विधि विभाग ने भी मुकदमा दर्ज करने संबंधित अपनी सहमति दी थी।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि वर्तमान सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि प्राथमिकी क्यों नहीं हुई और संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में शो कॉज भी करना चाहिए। इस पूरे मामले में नौकरशाहों की भूमिका संदेह के घेरे में है। इस समय पूरा ग्रामीण विकास विभाग रडार पर है। सोमवार को ही मंत्री के नौकर के घर करोड़ों रूपये कैश की बरामदगी ईडी ने की है।