लातेहार: झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी के दो सक्रिय नक्सलियों ने आज लातेहार में आत्मसमर्पण किया। अमरजीत उर्फ काली उर्फ सनी बिरजिया (निवासी पुंदाग) और मिथलेश उर्फ अखिलेश कोरवा (निवासी बलरामपुर, छत्तीसगढ़) ने लातेहार एसपी कुमार गौरव और सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट श्री याद राम बुनकर के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
दोनों नक्सलियों का आत्मसमर्पण लातेहार एसपी कार्यालय में हुआ, जहां पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने उन्हें शॉल और बुके भेंट कर उनका स्वागत किया। इस मौके पर एसपी ने कहा कि सरकार की नीतियों और सुरक्षा बलों के लगातार दबाव के चलते कई नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
एसपी कुमार गौरव ने कहा, “अमरजीत और मिथलेश ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का साहसिक निर्णय लिया है। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत इन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।”
सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट श्री याद राम बुनकर ने कहा, “यह वर्ष नक्सलियों के लिए अंतिम अवसर है। अगर वे मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं तो उनका स्वागत है, वरना सुरक्षा बल उन्हें समाप्त करने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने अन्य नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
बताया गया कि दोनों आत्मसमर्पित नक्सली छिपादोहर, महुआडांड, नेतरहाट, बुढ़ा पहाड़ और आसपास के इलाकों में लंबे समय से सक्रिय थे। ऑक्टोपस अभियान के बाद इन इलाकों में नक्सलियों की गतिविधियां काफी कम हो गई हैं।
एसपी गौरव ने यह भी कहा कि कई युवा गलत रास्ता सिर्फ जल्दी पैसा कमाने के लालच में चुनते हैं, लेकिन सरकार उन्हें एक नई शुरुआत का मौका दे रही है। उन्होंने सभी युवाओं से अपील की कि वे अपराध का रास्ता छोड़कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।