लातेहार: पलामू टाइगर रिजर्व में बाघ क्यों नहीं नजर आते हैं इसका खुलासा हो गया है । वन विभाग ने तीन ऐसे लोगों को दबोचा है जिनके पास से हाईटेक फंदे मिले हैं । ना सिर्फ फंदे बल्कि खालें भी बरामद हुई हैं । जी हां झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के शिकारियों का पर्दाफाश हुआ है ।
बाघ और तेंदुआ का करते थे शिकार
वन विभाग ने तीन शातिर शिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने बाघ और तेंदुआ समेत कई जंगली जानवरों का बेरहमी से शिकार किया था। वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) सत्यम कुमार के मुताबिक कि यह मामला तब सामने आया जब एक सप्ताह पूर्व झारखंड के जमशेदपुर वन क्षेत्र के मांगो रेंज के रेंज ऑफिसर दिग्विजय सिंह ने तेंदुआ की खाल के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में इन अपराधियों ने बड़े पैमाने पर हो रहे शिकार की जानकारी दी।
हाइटेक फंदे का करते थे इस्तेमाल
जांच के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया कि पलामू जिले के तीन शिकारी दिनेश्वर सिंह 59 वर्ष, जाकिर हुसैन 65 वर्ष, और विजय यादव 46 वर्ष लगातार पलामू टाइगर रिजर्व में हाईटेक स्प्रिंग फंदों का उपयोग कर बाघ, तेंदुआ, और अन्य वन्यजीवों का शिकार कर रहे थे। जंगली जानवरों को मारकर उनकी खाल और अन्य अवशेषों की तस्करी की जा रही थी, जबकि कुछ जानवरों को खाने के लिए शिकार किया जाता था।
ऐसे पकड़े गए शिकारी
वन विभाग ने इस जानकारी के आधार पर एक विशेष छापेमारी टीम का गठन किया, जिसमें मानगो रेंज के रेंजर दिग्विजय सिंह गारू पश्चिमी वन क्षेत्र के रेंजर तरुण कुमार सिंह और गारू पूर्वी वन क्षेत्र के रेंजर उमेश कुमार दुबे, चैनपुर थाना प्रभारी शामिल थे। इस टीम ने पलामू टाइगर रिजर्व के विभिन्न क्षेत्रों में एक सप्ताह तक छापेमारी अभियान चलाया और तीनों शिकारियों को गिरफ्तार किया गया।
राजस्थान के शिकारियों से है कनेक्शन
गिरफ्तारी के दौरान, वन विभाग ने इन अपराधियों के कब्जे से छह हाईटेक स्प्रिंग फंदे, एक हिरण का सींग, और साहिल के कांटे बरामद किए। ये फंदे खास तौर पर जंगली जानवरों को फंसाने के लिए बनाए गए थे, जिन्हें राजस्थान के कुछ शिकारी उनके गांव में लाए थे। अपराधियों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने इस तकनीक को राजस्थान के शिकारियों से सीखा और फिर उनके उपकरण चुराकर लगातार बाघ और तेंदुआ का शिकार करना शुरू कर दिया ।
बाघ को भी फंदे में फंसा कर मार डाला
जाकिर हुसैन ने बताया कि उसने और उसके साथियों ने पलामू टाइगर रिजर्व में एक बाघ और छह तेंदुआ समेत कई हिरणों को हाईटेक स्प्रिंग फंदों में फंसाकर मार डाला था। तेंदुआ की खाल को ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता था, जबकि हिरण और अन्य छोटे जानवरों को गांव में शिकार कर खा लिया जाता था। विजय यादव ने भी स्वीकार किया कि तेंदुआ ने उसकी बछिया की हत्या कर दी थी, जिसके बदले में उसने तेंदुआ को फंसाकर मार डाला।
शिकार से खत्म हो रहे हैं बाघ
पलामू टाइगर रिजर्व में हो रहे इस अवैध शिकार से बाघों की संख्या में भारी कमी आई है। वन विभाग अब इस मामले की गहनता से जांच कर रहा है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए ऐसे शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि जंगलों में हो रही इन बर्बरताओं पर रोक लगाई जा सके।
जागरुकता की कमी है
गिरफ्तारी के बाद रेंजर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह सफलता वन विभाग की सतर्कता और जनता के सहयोग का परिणाम है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर उन्हें इस प्रकार की कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें। छापेमारी में गारू पूर्वी पश्चिमी क्षेत्र वन क्षेत्र के काफी संख्या में वन कर्मी शामिल थे