नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि 31 जनवरी 2025 तक रिजर्व जजमेंट की सूची मुहैय्या कराई जाए । झारखंड के दोषियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट को देश की सबसे बड़ी अदालत ने ये निर्देश दिया है। झारखंड के चार लोगों की सजा पर सुनवाई पूरी होने के बाद भी फैसला नहीं सुनाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश के उच्च न्यायालयों को ये निर्देश दिया है ।
सभी हाईकोर्ट को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल्स को निर्देश दिया है कि वे 31 जनवरी 2025 या उससे पहले सुरक्षित किए गए उन सभी मामलों की विस्तृत रिपोर्ट पेश करें, जिनमें अब तक निर्णय नहीं सुनाया गया है। यह रिपोर्ट आपराधिक और दीवानी मामलों के रूप में अलग-अलग होनी चाहिए और यह भी स्पष्ट करना होगा कि मामला एकल पीठ से संबंधित है या खंडपीठ से।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसे चार सजायाफ्ता कैदियों ने दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड हाई कोर्ट में उनके आपराधिक अपीलों पर निर्णय सुरक्षित किए जाने के बावजूद 2-3 वर्षों से फैसला नहीं सुनाया गया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने इस देरी पर गंभीर चिंता जताते हुए मौखिक रूप से कहा, “यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। हम निश्चित रूप से इस पर कुछ अनिवार्य दिशानिर्देश तय करना चाहेंगे। ऐसा नहीं चल सकता।“
झारखंड हाई कोर्ट से मांगी गई विस्तृत सूची
सुप्रीम कोर्ट ने The Indian Express की रिपोर्ट पर भी ध्यान दिया, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट की नोटिस के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने एक सप्ताह में 75 आपराधिक अपीलों का निपटारा किया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल इन 75 मामलों की सूची सौंपें, जिसमें यह स्पष्ट हो कि निर्णय किस तिथि को सुरक्षित किया गया था और कब सुनाया गया।