पटनाः बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की मां पार्वती देवी की जयंती बिहार में हर वर्ष मुंगेर के जमालपुर में राजकीय समारोह के रूप में मनाने की अधिसूचना पर मुख्य विपक्षी दल आरजेडी भड़क गई है। आरजेडी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इसको लेकर जारी अधिसूचना की कॉपी पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि ये परिवारवाद की नई परिभाषा नीतीश कुमार स्थापित कर रहे है।
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पार्वती देवी बिहार विधानसभा की सदस्य रह चुकी है। उनके पति शकुनी चौधरी बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके है और बेटा वर्तमान में बिहार का उप मुख्यमंत्री है। सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार की नजदीकी इन दिनों की से छुपी हुई नहीं है। सुशील मोदी के निधन के बाद बीजेपी और नीतीश के बीच सम्राट चौधरी सेतू का काम कर रहे है। बिहार बीजेपी की राजनीति आजकल सम्राट चौधरी के आस-पास ही घूम रही है। दूसरे उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा साइडलाइन हो गये है। सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी एक समय नीतीश कुमार के काफी करीबी थे। दिवंगत पार्वती देवी की जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाने को लेकर जो अधिसूचना जारी हुई है उसे सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार की बढ़ी हुई नजदीकी का परिणाम माना जा रहा है।

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बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना पर निशाना साधते हुए आरजेडी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि परिवारवाद की नई परिभाषा स्थापित करते नीतीश कुमार।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी माता जी पूर्व विधायक स्व॰ श्रीमती पार्वती देवी की जयंती पर सरकारी खर्चे से राजकीय समारोह मनाने की जबरन अनुमति दिलवाई है। उपमुख्यमंत्री के पिता श्री शकुनी चौधरी भी पूर्व में मंत्री, विधायक और सांसद रह चुके है। इनके भाई जदयू में है।
CM नीतीश कुमार के अधीन विभाग सामान्य प्रशासन को सभी पूर्व विधायकों को यह सम्मान देना चाहिए क्योंकि विकास व सामाजिक कार्यों में तो सभी जनप्रतिनिधियों का योगदान रहता है।
अनैतिक कुमार का दोहरा चरित्र देखिए। इसी CM ने पटना में अपने राजनीतिक गुरु जॉर्ज फ़र्नाडिस और शरद यादव की मूर्ति नहीं लगने दी। इन महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर कुर्सी कुमार कभी राजकीय समारोह नहीं करवायेंगे। नीतीश कुमार जैसा संकीर्ण और ईर्ष्यालु सोच का कोई राजनेता पैदा नहीं हुआ