रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के साहिबगंज, दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, गोड्डा में अवैध प्रवासियों के प्रवेश के कारण जनसंख्या में हो रहे बदलाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरूण कुमार राय की खंडपीठ में केंद्र सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया।
हजारीबाग SDO शैलेश कुमार के ठिकानों पर ACB के रेड के दौरान मिले 22 लाख कैश और कई जमीनों के डीड बरामद
केंद्र सरकार ने अपने शपथ पत्र में बताया कि 2011 तक संताल परगना क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी औसतन 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इसी अवधि में साहिबगंज और पाकुड़ में अप्रत्याशित रूप से 35 प्रतिशत मुसलमानों की आबादी में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके बाद के आंकड़े केंद्र सरकार नहीं दे पाई। केंद्र का कहना है कि 1951 से 2011 तक देश में औसतन 4.5 प्रतिशत तक जनसंख्या में वृद्धि हुई है, वही संताल परगना में आदिवासियों की संख्या 44 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गई है। यह काफी गंभीर मामला है, एनआरसी में घुसपैठियों की पहचान और उन्हे वापस भेजने की क्षमता है, इस क्षेत्र में उसकी जरूरत है।एसपीटी एक्ट के बावजूद दानपत्र के जरिए आदिवासियों की जमीन पर मुस्लिमों के द्वारा कब्जा किए जाने का जिक्र है।
2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पाकुड़ और साहिबगंज जिले में NRC लगाने की सिफारिश की थी। तब एक टीम ने असम जाकर एनआईसी की पूरी प्रणाली का अध्ययन भी किया था। आजादी के बाद से अब तक देश भर में ईसाई आबादी का ग्रोथ 231 % है, जबकि संथाल परगना में ईसाई आबादी का ग्रोथ 6748% है। मुस्लिम आबादी का राष्ट्र में 4.31 फीसदी, जबकि संताल परगना में 13.31 फीसदी बढ़ी है। झारखंड के संताल परगना में 5857 मुस्लिम खुद को आदिवासी भी बताते हैं।