भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की घोषणा की है। अब रेपो रेट घटकर 6 प्रतिशत हो गई है, जो पहले 6.25 प्रतिशत थी। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह फैसला बैठक के दो दिन बाद, 9 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से बताया। इससे पहले फरवरी में भी RBI ने इसी तरह की दर में कटौती की थी।
बाज़ार की उम्मीदों के अनुरूप फैसला
यह निर्णय बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप है, जहाँ 25 से 50 bps तक की कटौती की संभावना जताई जा रही थी। फरवरी में खुदरा महंगाई दर 3.61% रही थी और साथ ही वैश्विक व्यापारिक तनावों (जैसे ट्रंप ट्रेड वॉर) के चलते यह उम्मीद जताई जा रही थी कि यह कटौती आर्थिक वृद्धि को गति देगी।
भारत की आर्थिक स्थिति
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में भारत की अर्थव्यवस्था ने 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की, जो दूसरी तिमाही के सात-तिमाही निचले स्तर 5.4 प्रतिशत से अधिक है।
RBI MPC मीटिंग कब होती हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक हर वित्त वर्ष में छह द्वैमासिक बैठकें आयोजित करता है। इन बैठकों में ब्याज दरें, मुद्रा आपूर्ति, महंगाई के दृष्टिकोण और अन्य व्यापक आर्थिक संकेतकों पर चर्चा होती है। अप्रैल 2025 की बैठक 7 से 9 अप्रैल तक चली। शेष पांच बैठकों की तिथियां इस प्रकार हैं:
जून 4-6
अगस्त 5-7
सितंबर 29 – अक्टूबर 1
दिसंबर 3-5
फरवरी 4-6 (2026)
MPC के सदस्य कौन होते हैं?
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में कुल 6 सदस्य होते हैं — जिनमें से तीन RBI से होते हैं (गवर्नर सहित) और तीन सदस्य केंद्र सरकार द्वारा नामित बाहरी विशेषज्ञ होते हैं।
MPC का उद्देश्य क्या है?
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी का मुख्य उद्देश्य मूल्य स्थिरता बनाए रखना और आर्थिक विकास को समर्थन देना है। RBI का लक्ष्य महंगाई को 2-6% की सीमा में रखना है, जिसमें मध्यम अवधि का लक्ष्य 4% है।
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI अन्य बैंकों को धन उधार देता है। फरवरी 2025 की पिछली बैठक में इसे 6.5% से घटाकर 6.25% किया गया था। अब अप्रैल 2025 की बैठक में इसे और घटाकर 6% कर दिया गया है।