दिल्लीः पतंजलि कंपनी के रामदेव और बालृष्ण ने सु्पीम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापनों के लिए माफी मांगी है । किसी समय रामदेव का पूरे देश में जलवा हुआ करता था लेकिन भ्रामक विज्ञापन फैलाकर रामदेव और बालकृष्ण दोनों फंस गए हैं । सुप्रीम कोर्ट में रामदेव सवालों से भागते दिखे। रिपोटर्स सवाल दाग रहे थे और रामदेव बिना बोले कैमरे से बचते हुए अंगरक्षकों की आड़ बचते रहे । रिपोर्टर्स पूछ रहे थे रामदेव आपने झूठ क्यों बोला… और रामदेव भाग रहे थे ।
दरअसल पतंजलि ने लगातार कई विज्ञापनों में ऐलोपैथी को लेकर भ्रामक विज्ञापन दिए यहां तक कहा कि ऐलोपैथी में कोविड का इलाज नहीं है इसको लेकर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक (मैजिक रिमेडीज)एक्ट के तहत शिकायत की गई थी । रामदेव और बालकृष्ण की ओर से माफी मांगी गई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार करते हुए कहा कि यह यूं ही मांगी जा रही है। कोर्ट ने कहा कि बिना किसी शोध के कैसे इस तरह के विज्ञापन में दावे किए गए । हांलाकि मीडिया डिपार्टमेंट का बहाना बनाते हुए पतंजलि की ओर से कहा गया कि उन्होंने गलती की है । कोर्ट ने केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए है कि उन्होंने आंखें क्यों बंद रखीं । पतंजलि को एक सप्ताह का और समय दिया गया है । रामदेव औऱ बालकृष्ण को फिर सशरीर पेश होना होगा ।