रांची: हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही गठबंधन की सरकार शिक्षा और रोजगार के मोर्चे पर एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। राज्य के प्राइमरी स्कूलों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा में घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति जल्द होने वाली है। इसके लिए जिलों से सर्वे कर रिपोर्ट मांगी गई थी जो स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेज दी गई है। जिलों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा में 12 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
रिपोर्ट मिलने के बाद अब स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने नियुक्ति को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षकों के मानदेय भुगतान की राशि व अन्य आवश्यक प्रक्रिया को लेकर प्रस्ताव कैबिनेट में भेजने की तैयारी है। शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालयों में उन भाषाओं में की जाएगी जहां कक्षा एक से पांच के प्रति कक्षा न्यूनतम 10 विद्यार्थी उक्त भाषा में बोलने वाले है, किसी विद्यालय में अगर प्रति कक्षा एक से अधिक भाषा बोलने वाले 10 या उससे अधिक विद्यार्थी नामांकित तो एक से अधिक भाषा में शिक्षक नियुक्त की जाएगी। जुलाई में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
राज्य के 15 जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। स्कूलों में संथाली, हो, खड़िया, कुडुख, मुंडारी, माल्तो, बिरहोरी, भूमिज, असुर, बांगला, उड़िया, पंचपरगनिया, खोरठा, कुरमाली और नागपुरी भाषा में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षक के पदों के नियुक्ति करने वाले अभ्यर्थियों का इंटर में 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। इसके अलावा अभ्यर्थी जिस विषय में नियुक्ति के लिए आवेदन जमा करेंगे, उस विषय में इंटर में पास होना अनिवार्य है। अभ्यर्थियों के लिए उम्र की सीमा 21 से 45 वर्ष निर्धारित की गई है।