रांची: झारखंड सरकार ने राष्ट्रीय फोरम पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर अपने बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये भुगतान की मांग उठाई है। राजस्थान के जैसलमेर में हुए प्री बजट मीटिंग में झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने यह मांग उठाई।
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वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए बकाया का भुगतान जल्द किया जाए। उन्होने बताया कि कोल-रॉयल्टी के 2900 करोड़, कॉमन कॉज के 32 हजार करोड़ और भूमि मुआवजा का एक लाख एक हजार 142 करोड़ रुपये यानि कुल 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र पर बकाया है। उन्होने आगे कहा कि झारखंड की कोख में अमीरी है लेकिन गोद में गरीबी है। राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं में केंद्र की विशेष सहायता की जरूरत है। इसके साथ उन्होने झारखंड में नये प्रोजेक्ट की मांग भी की।
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राधाकृष्ण किशोर ने केंद्र सरकार से रांची-कोलकाता और रांची-पटना एक्सप्रेस-वे बनाने की मांग भी की। कहा कि उग्रवाद प्रभावित झारखंड में विशेष सहायता पांच सालों के लिए उपलब्ध कराई जाए। उन्होने वित्त मंत्री को सौंपे मांग पत्र में बकाया राशि की मांग करते हुए कहा कि अर्धविकसित झारखंड के संपूर्ण विकास के लिए राज्य सरकार के पास बहुआयामी योजना के साथ विजन भी है। लेकिन राज्य अपने आय के आंतरिक स्त्रोतों से इसे पूरा करने में असमर्थ है। जनजातिय बाहुल्य राज्य के सर्वांगीण विकास में केंद्र सरकार का अर्थिक सहयोग जरूरी है, इसलिए बकाया राशि का भुगतान किया जाए।