डेस्कः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में चल रहा मतभेद अब सामने आने लगा है। पार्टी के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पार्टी से मोहभंग हो रहा है। ऐसा ही एक मामला पुणे में सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनवाने वाले कार्यकर्ता मयूर मुंडे ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया।
कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला अपनी ही सरकार के खिलाफ रात में धरने पर बैठे, कहा-कमीशन लेने के लिए अधिकारी देते है दवाब
मयूर मुंडे ने 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनाकर सुर्खियां बटोरी थी और अपने आप को सबसे बड़ा मोदी भक्त और बीजेपी का ईमानदार कार्यकर्ता बताया था। मुंडे ने महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा भेज दिया है। उनका आरोप है कि बीजेपी ने हाल के वर्षो में अपने वफादार सदस्यों को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगों को तरजीह दी जा रही है। वर्षो तक समर्पित होकर सेवा करने के बाद वो खुद को हासिये पर महसूस करते है।
बिहार-झारखंड सहित इन राज्यों में दुर्गा पूजा पर होगी जोरदार बारिश, बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर; अलर्ट जारी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंडे ने बताया कि भाजपा वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रही है और अन्य राजनीतिक दलों से शामिल होने वालों को महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक अपना समर्थन आधार बढ़ाने में लगे हुए हैं और इसके लिए पदाधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। दूसरे दलों से आने वालों को पार्टी के विभिन्न पद दिए जा रहे हैं। मुंडे ने कहा कि पुराने पदाधिकारियों का अपमान हो रहा है। अब उन्हें पार्टी की बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता है। उनकी राय तक नहीं सुनी जा रही और उन्हें चुनाव प्रक्रिया से दूर कर दिया गया है।