झारखंड एटीएस ने आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर के झारखंड मॉड्यूल से जुड़े जिस संदिग्ध अम्मार याशर को गिरफ्तार किया है, वह इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के संस्थापक भटकल ब्रदर्स का करीबी रहा है। यासिन भटकल, रियाज भटकल और इकबाल के साथ मिलकर वह घटना को अंजाम देने की योजना भी बनाता था। यह खुलासा याशर से पूछताछ में हुआ है।
याशर से पूछताछ में एटीएस को पता चला है कि भटकल ब्रदर्स के कहने पर वह कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। बिहार में भी आईएम के लिए उसने मुहिम चलाई थी। दरभंगा क्षेत्र में कई बैठकें कर चुका है। दस साल जेल में रहने के बाद जेल से बाहर आया तो आईएम से अलग हो गया। इसके बाद वह धनबाद के वासेपुर में रहने लगा। वह संदिग्ध आयान जावेद की पत्नी शबनम के संपर्क में आया। शबनम ने उसे इस्लामिक जिहाद के लिए हिज्ब उत तहरीर से जुड़ने का प्रस्ताव दिया।
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झारखंड एटीएस ने धनबाद से गिरफ्तार हिज्ब उत तहरीर से जुड़ी महिला समेत चारों संदिग्धों को रिमांड पूरी होने पर जेल भेज दिया है। रिमांड में वासेपुर अलीनगर के गुलफाम हसन, भूली आजादनगर अमन सोसाइटी के आयान जावेद, उसकी पत्नी शबनम परवीन और मो शाहजाद आलम से हुई पूछताछ में एटीएस को कई अहम जानकारी मिली है। आयान ने बताया कि धनबाद के ही एक युवक ने उसे हथियार दिया था। संदिग्धों ने पूछताछ में यह भी बताया कि वे एक साल से तहरीर से जुड़े हुए हैं। मीटिंग से लेकर हर कार्य ऑनलाइन करते हैं।
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गिरफ्तार पांचों संदिग्ध डार्क नेट से देश-विदेश के हिज्ब उत तहरीर के एजेंटों के संपर्क में थे। इनके पास कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जिससे उनके तहरीर से संपर्क होने की जानकारी मिली है। गिरफ्तार शबनम सहित पांचों अपने-अपने घर से ही इस्लामिक जिहाद को लेकर सक्रिय थे। गिरफ्तार के वक्त उनके पास से इस्लामिक जिहाद कैसे करें, काफिर कौन, हमला कैसे करें जैसी विवादित किताबें भी मिलीं। जब्त कुछ लैपटॉप से कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस इसको खंगालने में लगी है।
याशर 2014 में आईएम के संदिग्ध आतंकी के रूप में जोधपुर से पकड़ा गया था। 2024 में जेल से बाहर आने के बाद वह हिब्ज उत तहरीर से जुड़कर भारत विरोधी कार्यों में संलिप्त हो गया। याशर को भी वासेपुर से ही शबनम की निशानदेही पर दबोचा गया है।
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