ओडिशा में अब सरकारी और निजी सेक्टर की महिला कर्मचारियों को महीने में एक दिन की पीरियड्स लीव मिलेगी। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डिप्टी सीएम प्रावती परिदा ने इसका ऐलान किया। उन्होंने कटक में स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के मौके पर कहा कि अब तक मासिक चक्र के दौरान महिलाओं को कोई छुट्टी नहीं मिलती। अब हमने फैसला लिया है कि एक दिन की छुट्टी दी जाए। इसके तहत महिलाएं पीरियड्स के पहले या फिर दूसरे दिन छुट्टी ले सकेंगी। यह छुट्टी उनके लिए वैकल्पिक होगी यानी यदि वह खुद चाहती हैं तभी मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के साथ ही निजी कंपनियों पर भी लागू होगा।
एक रिसर्च के मुताबिक 40 फीसदी लड़कियां पीरियड्स के चलते स्कूल नहीं जा पातीं। स्कूलों में निजता की कमी, शिक्षा और जागरूकता के अभाव जैसी चीजों के चलते उन्हें घर रहना ही सही लगता है। करीब 65 फीसदी लड़कियां कहती हैं कि पीरियड्स के चलते उनकी स्कूली शिक्षा पर असर पड़ता है। उन्हें स्कूल और क्लास मिस करनी पड़ती है। कई बार शर्म के चलते वे नहीं जातीं और कई बार स्वास्थ्य उनका साथ नहीं देता। ओडिशा सरकार के फैसले की सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी तारीफ की है।
सोशल ऐक्टिविस्ट नम्रता चड्ढा ने कहा कि इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि वर्किंग महिलाओं की तो लंबे समय से यह मांग रही है। चड्ढा ने कहा, ‘मैं वर्किंग महिलाओं की तरफ से डिप्टी सीएम प्रावती परिदा का धन्यवाद देती हूं। इसे सरकारी सेक्टर में आसानी से लागू किया जा सकता है। लेकिन इसे कॉरपोरेट और प्राइवेट सेक्टर में लागू करना कठिन होगा। जब प्राइवेट सेक्टर में कई जगहों पर मैटरनिटी लीव तक मिलनी मुश्किल है तो फिर पीरियड्स की लीव कैसे मिलेगी। उनके लिए शायद यह मुश्किल होगा कि वे पीरियड्स के लिए पेड लीव की मंजूरी दें।’
गौरतलब है कि ऐसी मांग वाली एक अर्जी सुप्रीम कोर्ट में भी गई थी, जिस पर विचार करने से अदालत ने इनकार कर दिया था। बेंच का कहना था कि ऐसी पॉलिसी महिलाएं बड़े पैमाने पर वर्कफोर्स का हिस्सा बन सकती हैं, लेकिन नियोक्ताओं का इसमें क्या पक्ष होगा। यह जानना अहम है। गौरतलब है कि जापान, चीन, ताइवान, कोरिया जैसे देशों ने पीरियड्स पर पॉलिसी बना रखी है। भारत में भी इसे लेकर मांग उठती रही है। भारत में लेबर लॉ में एक मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट है। इसके तहत इसे लेकर फैसला लेने को संस्थान पर छोड़ा गया है। बता दें कि ओडिशा से पहले बिहार और केरल में पीरियड्स लीव का प्रावधान है। बिहार में दो दिन की छुट्टी और केरल में तीन दिन की लीव का नियम है।