चाईबासाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सेरेंगसिया के शहीदों को याद करते हुए केंद्र सरकार के बजट पर हमला किया है । हेमंत ने कहा कि बजट में झारखंड के लिए कुछ नहीं है और आदिवासियों के लिए भी कुछ नहीं किया गया है।। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार वर्षों पुरानी योजनाओं को नाम बदल-बदल कर काम चला रही है ।
कौन थे पोटो हो जिन्हें फांसी देने हाथी पर आया था अंग्रेज़ अफ़सर
1837 में शहीद हुए सेरेंगसिया के वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री और कल्पना सोरेन चाईबासा पहुंचे थे। हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी समुदाय के पूर्वजों की तपस्या, त्याग और बलिदान के कारण ही आज आदिवासियों को एक अलग पहचान मिली है। उन्होंने वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उन्हीं की बदौलत आज हम अपनी आवाज़ को बुलंद कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो प्रखंड स्थित सेरेंगसिया में आयोजित शहीद दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आज़ादी से पहले भी जारी था आदिवासियों का संघर्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारत की स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत भी नहीं हुई थी, तब भी आदिवासी समुदाय ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष कर रहा था। उन्होंने अंग्रेजों की ताकतवर सेना का डटकर मुकाबला किया और अपने साहस का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के योगदान को इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता।
रुपये निकालने पहुंची बैंक, महिला ने चेक पर जो लिखा, पढ़कर बेहोश हो गया कैशियर!
शहादत दिवस की परंपरा और आदिवासी संघर्ष
झारखंड शहीदों और वीरों की धरती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हर वर्ष 1 जनवरी को खरसावां गोलीकांड के शहीदों को नमन करने के साथ शहादत दिवस मनाने की शुरुआत होती है। हमारी सरकार शहीदों और उनके परिवारों को सम्मान देने के लिए लगातार काम कर रही है।
झारखंड अलग राज्य के लिए लंबा संघर्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में 40-50 वर्षों तक संघर्ष चला। लेकिन, राज्य बनने के बाद भी 18-20 वर्षों तक सत्ताधारी सरकारों ने झारखंड के विकास की उपेक्षा की। उन्होंने कहा कि जैसे हमने लड़कर झारखंड लिया, वैसे ही हम अपने हक और अधिकार भी लेकर रहेंगे।
खनिज संपदा से देश हो रहा समृद्ध, लेकिन झारखंड पिछड़ा
झारखंड के खनिज संसाधनों से पूरा देश लाभान्वित हो रहा है, लेकिन राज्य अभी भी पिछड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उनकी सरकार आई है, तब से झारखंड के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में जनता के समर्थन से उनकी सरकार बनी और 2024 में फिर से मजबूत जनादेश मिला। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार जहां महिला सशक्तिकरण के लिए 25-26 हजार करोड़ रुपए का बजट रखती है, वहीं झारखंड सरकार हर महीने 15 अरब रुपए महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए खर्च कर रही है। झारखंड देश का पहला राज्य है, जो बहन-बेटियों को हर महीने 2500-2500 रुपए की सम्मान राशि प्रदान कर रहा है।
गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को सिर्फ सहायता देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसी योजनाएं बनाई हैं कि अब किसी गरीब को अपनी जरूरतों के लिए अनाज या साइकिल बेचने की नौबत नहीं आएगी। सरकार हर गरीब परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रही है।
महिलाओं के लिए सरकार की नई पहल
मुख्यमंत्री ने महिलाओं को सतर्क रहने की सलाह दी कि वे उन लोगों से बचें जो उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार महिलाओं को बताएगी कि वे अपने पैसे कहां और कैसे खर्च करें। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए और गांवों तथा पंचायत स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए।
सरकार आपके द्वार: प्रशासन अब खुद आएगा मदद के लिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अब आम जनता के दरवाजे तक पहुंचेगी। ज़िला और ब्लॉक प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे जरूरतमंदों तक सीधी मदद पहुंचाएं और उनकी समस्याओं का समाधान करें।