दिल्ली : कांस्टीट्यूशन क्लब में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार एक बार फिर से जेडीयू के अध्यक्ष बनाये गए है। इससे पहले सुबह में ललन सिंह ने जेडीयू अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी जिसे नीतीश कुमार ने स्वीकार कर लिया। बैठक में जेडीयू की ओर से 4 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
एक बार फिर से जेडीयू अध्यक्ष चुने जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने इनको पद नहीं छोड़ने के लिए बहुत मनाया, लेकिन ये नहीं माने तो हमने अध्यक्ष पद को स्वीकार कर लिया है। उन्होने कहा कि सब काम हो गया है खबराने की कोई जरूरत नहीं है।
जेडीयू के संविधान के अनुसार पार्टी में अध्यक्ष के पद का कार्यकाल 3 साल का होता है जिसमें अभी ललन सिंह का दो साल का कार्यकाल बचा हुआ है। ऐसे में ललन सिंह को अध्यक्ष पद से लोकसभा चुनाव लड़ने के बहाने हटाया गया ताकि नीतीश कुमार पार्टी अध्यक्ष रहते हुए सारे संवैधानिक फैसले ले सके और गठबंधन दलों को लेकर भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हो। ललन सिंह की लालू परिवार से नजदीकी को भी ललन सिंह के पद छोड़ने की वजह बताई जा रही है।
नीतीश कुमार अध्यक्ष बनने के बाद अब राष्ट्रीय मिशन पर निकल रहे है। झारखंड से वो अपने जनजागरण की शुरूआत करेंगे। उसके बाद देश के अलग अलग राज्यों में जाकर राजनीतिक कार्यक्रम करेंगे। नीतीश कुमार की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा किसी से छुपी नहीं है। उनका फिर से अध्यक्ष बनने उसी राह पर एक कदम बताया जा रहा है। शुक्रवार को हुई जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बने इसको लेकर भी खूब नारेबाजी हुई।