देवघर: गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार निशिकांत दुबे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद मसूद अंसारी ने नाम वापसी के अंतिम दिन अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। मसूद अंसारी की नाम वापसी ने सबको चौका दिया है, क्योकि मुस्लिम बहुल इस लोकसभा क्षेत्र में मंसूर अंसारी के चुनाव लड़ने के बाद मुस्लिम वोटों में बिखराव की बातें कही जा रही थी जिसपर अब विराम लग गया है।
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AIMIM उम्मीदवार के बैठने से कांग्रेस को फायदा?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी कहा था कि उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप यादव से नहीं बल्कि एआईएमआईएम प्रत्याशी मंसूर अंसारी से है। उन्होने पहले यहां तक कहा हुआ था कि अगर कांग्रेस प्रदीप यादव को अपना उम्मीदवार बनाएगी तो वो चुनाव प्रचार करने भी नहीं उतरेंगे क्योकि प्रदीप के खिलाफ को घर बैठकर चुनाव जीत जाएंगे। अब मंसूर अंसारी के चुनाव मैदान छोड़ने के बाद गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में समीकरण बदल गये है।
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बढ़ रही है निशिकांत की मुश्किलें
बीजेपी उम्मीदवार निशिकांत दुबे के खिलाफ उनके पुराने सार्गिद ने ही मोर्चा खोल दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे विनोदानंद झा के प्रपौत्र अभिषेक झा ने एक तरफ निशिकांत दुबे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए है वही दूसरी ओर उन्होने निशिकांत दुबे के चुनावी हलफनामें पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। अभिषेक झा ने कहा है कि निशिकांत दुबे ने अपने चुनावी हलफनामें में एक करोड़ 20 लाख का कर्ज अभिषेक झा से लेने की बात कही है। ये अभिषेक झा कौन है ये बीजेपी उम्मीदवार को बताना चाहिए। उन्होने कहा कि ये अभिषेक झा मै तो नहीं हूं, क्या ये अभिषेक झा निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति तो नहीं है। पूजा सिंघल को ईडी ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया हुआ है क्या ऐसे लोगों से बीजेपी उम्मीदवार ने कर्जा लिया है ये बताना चाहिए।