रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने जन्मदिन के मौके पर सोशल मीडिया पर अपनी वो तस्वीर साझा की है जो आज तक उन्होने कभी सार्वजनिक नहीं होने दिया। मुख्यमंत्री ने जेल से बाहर आने के दौरान हर कैदी को लगाये जाने वाले स्टाम्प को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया। ये वो स्टाम्प है जो हर कैदी को जमानत पर जेल से बाहर आने पर लगाया जाता है, जमीन घोटाला मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के दौरान बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भी हेमंत सोरेन को स्टाम्प लगाया गया था।
हेमंत सोरेन ने वो तस्वीर शेयर करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि आज अपने जन्मदिन के मौक़े पर बीते एक साल की स्मृति मेरे मन में अंकित है – वह है यह कैदी का निशान – जो जेल से रिहा होते वक्त मुझे लगाया गया। यह निशान केवल मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक है।
जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई शिकायत, बिना कोई अपराध जेल में 150 दिनों तक डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे – यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है।
इसलिए, आज के दिन मैं और ज़्यादा कृतसंकल्पित हूँ हर शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, मूलवासी के पक्ष में लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करता हूं। मैं हर उस व्यक्ति/समुदाय के लिए आवाज उठाऊंगा जिसे दबाया गया है, जिसे न्याय से वंचित रखा गया है, जिसे उसके रंग, समुदाय, ख़ान पान, पहनावे के आधार पर सताया जा रहा है। हमें एकजुट होकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जहां कानून सभी के लिए समान हो, जहां सत्ता का दुरुपयोग न हो।
हां, यह रास्ता आसान नहीं होगा। हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं। क्योंकि हमारे देश की एकता, विविधता में ही हमारी शक्ति है।
पुनः आप सब के स्नेह एवं आज के दिन दी जा रही दुआ, आशीर्वाद एवं अपनापन के लिए धन्यवाद।