दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि केंद्र सरकार अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित लोगों के साथ बुरा व्यवहार न हो। विदेश मंत्री ने कहा, “विदेश में अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेना सभी देशों का दायित्व है।” जयशंकर ने इस मुद्दे पर जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री को क्यों देना पड़़ा जवाब
गौरतबल है कि अमेरिकी सैन्य C-17 ग्लोबमास्टर विमान बुधवार दोपहर पंजाब के अमृतसर में उतरा, जिसमें 104 भारतीय नागरिक निर्वासित किए गए। यह उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका था जिन्होंने ‘अमेरिकन ड्रीम’ को साकार करने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया था। भारत सरकार ने अमेरिका से और अधिक निर्वासन उड़ानों की संभावना से इनकार नहीं किया है और कहा है कि सभी सत्यापित नागरिकों को, जो बाइडन और ट्रंप प्रशासन की पूर्व नीति के अनुरूप होंगे, “स्वीकार किया जाएगा।”
भारत के अपमान का आरोप
संसद में इस मामले को लेकर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव दिया लेकिन खारिज कर दिया गया । विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगा घेरने की कोशिश कर रहा है। राहुल गांधी संसद परिसर में भारतीयों के अपमान पर प्रदर्शन में शामिल हुए ।
अमेरिका ने सैन्य विमान से बेड़ियों में बांधकर भारतीय नागरिकों को वापस भेजा. ये हर भारतीय और भारत का अपमान है. pic.twitter.com/VqdIFaTDon
— Congress (@INCIndia) February 6, 2025
We are protesting the way in which the deportation was done—sending them in a military aircraft and that too in handcuffs is an insult to India; it’s an insult to the dignity of Indians.
Not long ago, Columbia refused to accept people in these circumstances and officially… pic.twitter.com/iXVPJ3MnVd
— Congress (@INCIndia) February 6, 2025
जंजीरों में जकड़ कर भेजा गया भारत
इस बीच अमेरिकी के बार्डर पेट्रोल ने आधिकारिक तौर से वीडिओ जारी कर भारतीयों को कैद करके वापस भेजे जाने का वीडियो जारी किया है । इस वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है कि किस तरह इन्हें जंजीरों से जकड़ कर भारत भेजा गया है ।
USBP and partners successfully returned illegal aliens to India, marking the farthest deportation flight yet using military transport. This mission underscores our commitment to enforcing immigration laws and ensuring swift removals.
If you cross illegally, you will be removed. pic.twitter.com/WW4OWYzWOf
— Chief Michael W. Banks (@USBPChief) February 5, 2025
पहली बार अमेरिकी सैन्य विमान से निर्वासन
सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार है जब अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए सैन्य विमान का उपयोग किया है। जबकि अक्टूबर 2024 के पिछले निर्वासन में चार्टर्ड उड़ानों का उपयोग किया गया था, इस बार C-17 विमान का उपयोग विशेष ध्यान आकर्षित कर रहा है। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि यह ट्रंप प्रशासन के अवैध प्रवासियों को तेजी से हटाने के नए प्रयासों का हिस्सा है।
VIDEO | Gujarat: Indians deported from the US arrive at Ahmedabad airport. A US military aircraft carrying 104 illegal Indian immigrants landed at Amritsar, Punjab, yesterday. Sources said that 33 of the 104 deportees are from Gujarat.#GujaratNews
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/2y1P9Zoo6R
— Press Trust of India (@PTI_News) February 6, 2025
ऐसी अटकलें थीं कि कुछ निर्वासितों को यात्रा के दौरान हथकड़ी पहनाई गई थी, लेकिन पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने स्थानीय मीडियो को बताया कि , “कुछ ने उल्लेख किया कि बच्चों को छोड़कर, उन्हें उड़ान के दौरान हथकड़ी पहनाई गई थी। हालाँकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।”
टेक्सास से पंजाब तक निर्वासन यात्रा
C-17 सैन्य विमान सैन एंटोनियो, टेक्सास से रवाना हुआ और भारतीय समयानुसार दोपहर 1:55 बजे अमृतसर में उतरा, फिर शाम 5:15 बजे वापस उड़ान भर ली। पंजाब और हरियाणा के निर्वासितों को सड़क मार्ग से उनके घर भेज दिया गया, जबकि गुजरात और अन्य राज्यों के लोगों को उसी दिन बाद में घरेलू उड़ानों से भेजा गया।
अवैध प्रवास और इसकी भारी लागत
कई निर्वासितों ने खुलासा किया कि उन्हें लगभग दस दिन पहले अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर हिरासत में लिया गया था, जबकि कुछ लोग पहले यूके से अमेरिका पहुंचे थे। अधिकारियों ने अब इस नेटवर्क और एजेंटों की जांच शुरू कर दी है जो अवैध प्रवास में सहायता करते हैं।
एक गुजराती निर्वासित ने बताया कि उसके परिवार ने मानव तस्करों को 1 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। वहीं, अमृतसर के एक सीमावर्ती गाँव के युवक के परिवार ने उसे मेक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजने के लिए 1.5 एकड़ जमीन बेचकर 42 लाख रुपये खर्च किए।