रांची: नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनको समर्थन दे रहे कई छोटे दलों के सांसदों को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई, यहां तक की एक सांसद वाले जीतन राम मांझी को कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। एक सांसद वाले अनुप्रिया पटेल और रामदास अठावले भी एक बार फिर मंत्री बने। लेकिन 2019 की तरह आजसू पार्टी को इस बार भी कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं दी गई।
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गिरिडीह से सांसद और आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश चौधरी ने मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं किये जाने पर नाराजगी जाहिर की है। सीपी चौधरी ने कहा कि एनडीए के घटक दलों की बैठक में सभी को उचित प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई थी, लेकिन कैबिनेट में आजसू पार्टी को दरकिनार कर दिया गया। गठबंधन धर्म के तहत सभी दलों को सम्मान मिलना चाहिए और पार्टी स्तर पर हम सभी को इस मामले पर विचार कर आगे की रणनीति तय करेंगे। सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने आगे कहा कि क्षेत्र के कार्यकर्ता और शुभचिंतक पूछ रहे है कि मीडिया में अंत तक आपका नाम चलता रहा, फिर आपको कैबिनेट में कैसे नहीं शामिल किया।
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आजसू और बीजेपी का झारखंड में पुराना गठबंधन है, 2019 का विधानसभा को छोड़ दिया जाए तो दोनों पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ती रही है, आजसू के वोटर कई सीटों पर जीत और हार को तय करते है। इस साल के अंत में झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है, ऐसे में आजसू को दरकिनार करना बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि इस मामले पर अबतक पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो का कोई बयान नहीं आया है। सुदेश और चंद्रप्रकाश एनडीए की बैठक में भी शामिल हुए तो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार को समर्थन भी दिया था। आजसू पार्टी की जिस तरह से केंद्र कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है उसका असर झारखंड की राजनीति पर देखने को मिलेगा।