लोहरदगा: गुटों में बंटी जिला कांग्रेस का अंतरकलह अब सामने आ गया है। लोहरदगा लोकसभा चुनाव के दौरान अंतरकलह सामने आ रही थी लेकिन उस सीट पर कांग्रेस की बड़ी जीत ने अंतरकलह की खबरों को दबा दिया लेकिन अब विधानसभा चुनाव से पहले अंतरकलह और गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है जिसका ही नतीजा है कि कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता एक दूसरे पर केस कर रहे हैै।
एक जुलाई को लोहरदगा लोकसभा सीट पर चुनाव परिणाम की समीक्षा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई और कथित मारपीट देखने को मिला थी। अब ये कांग्रेस कार्यालय से बाहर थाने तक जा पहुंचा है। जिस तरह से कांग्रेस के नेता एक दूसरे को ही नीचा दिखाने और मुकदमों में उलझाने में लग गए है इसका असर विधानसभा चुनाव में देखा जा सकता है अगर प्रदेश कांग्रेस इस पर अंकुश नहीं लगाती या फिर कोई कठोर कार्रवाई नहीं करती।
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लोहरदगा कांग्रेस में जारी महाभारत की झलक एक जुलाई को दिखी थी। एक जुलाई को हुई हाथापाई और कथित मारपीट के मामले में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुखैर भगत ने पूर्व विधायक प्रतिनिधि आलोक कुमार साहू, नेसार अहमद, परवेज आलम उर्फ राजू कुरैशी, सोनू कुरैशी सहित सात से आठ अज्ञात लोगों पर गाली गलौच, मारपीट और जाति सूचक गाली देकर अपमानित करने का आरोप लगाया है। वही दूसरी ओर पूर्व विधायक प्रतिनिधि आलोक कुमार साहू ने जिलाध्यक्ष सुखैर भगत पर गाली गलौज करने, मारपीट करने और एससी-एसटी एक्ट के तहत फंसाने का अरोप लगाया है। जिला कांग्रेस में जारी सिर फटौव्वल की स्थिति ये है कि मनोज भगत ने विधायक सह मंत्री प्रतिनिधि निशीध जायसवाल, दीपक महतो, तनवीर गौहर पर धक्का मुक्की करने और जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए थोन में केस दर्ज कराया है। जिला कांग्रेस में जारी जंग के बीच कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत और लोहरदगा विधायक सह मंत्री रामेश्वर उरांव की चुप्पी और पूर्व राज्यसभा सांसद धीरज साहू की अनदेखी सवालों के घेरे में है। कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने जिस तरह से इस मामले को नजरअंदाज किया हुआ है उसको लेकर कई तरह की बातें कही जा रही है।
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कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ केस कराया दर्ज
पहली जुलाई को लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा के दौरान बड़े नेताओं के सामने ही कांग्रेसी आपस में उलझ गए। बहस बाजी से शुरू हुई लड़ाई कथित रूप से मारपीट से होते हुए अब थाने तक पहुंच गया है। मामले में आलोक कुमार साहू के आवेदन पर दो जुलाई को सदर थाने में भादवि की धारा 127, 115, 351 (2) बीएनएस के तहत कांड संख्या 139/2024 में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। इस प्राथमिकी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखैर भगत पर गाली गलौज करने और मारपीट करने व एससी-एसटी एक्ट के तहत फंसाने की धमकी देने का आरोप लगा है। दूसरी ओर कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुख्रैर भगत के आवेदन पर तीन जुलाई को एससी-एसटी थाने में भादवि की धारा 121, 115 (2), 352, 351 (2)(3), 356 (2), बीएनएस एंड बी-(1) (आर), 3 (1) (एस) के तहत कांड संख्या 11/2024 में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। इसमें आलोक कुमार साहू, नेसार अहमद, परवेज आलम उर्फ राजू कुरैशी, सोनू कुरैशी सहित 7-8 अज्ञात लोगों पर गाली गलौज एवं मारपीट करने व जाति सूचक गाली देकर सार्वजनिक तौर पर अपमानित करने का आरोप लगाया गया है। इस पूरे मामले में एक तीसरी प्राथमिक भी एसटी-एससी थाने में दर्ज की गई है। जिसमें मनोज भगत के आवेदन पर तीन जुलाई को एससी-एसटी थाने में भादवि की धारा 126 (2), 115 (2), 352, 351 (2)(3), 356 (2) बीएनएस एंड 3(1) (आर), 3 (1) (एस) के तहत कांड संख्या 12/2024 में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। इसमें विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल, दीपक महतो व तनवीर गौहर पर धक्का मुक्की करने व जाति सूचक गाली देने का आरोप लगा है।