लातेहार: जिले के ईचाबार जंगल में शुक्रवार को जिला पुलिस और JJMP (झारखंड जनमुक्ति परिषद) उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में दो कुख्यात नक्सली मारे गए। इन मारे गए नक्सलियों में संगठन का सुप्रीमो पप्पू लोहरा उर्फ सूर्यदेव लोहरा उर्फ सोमेद लोहरा शामिल है, जिस पर ₹10 लाख का इनाम था। इसके साथ ही ₹5 लाख के इनामी सब-जोनल कमांडर सुदेश गंझू उर्फ प्रभात जी भी मारा गया। पुलिस की इस कार्रवाई को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मानी जा रही है।
मुठभेड़ की पूरी घटना
पुलिस को सूचना मिली थी कि पप्पू लोहरा अपने दस्ते के साथ ईचाबार जंगल में किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना प्रभारी रविंद्र महली के नेतृत्व में विशेष छापामारी दल का गठन किया गया। जैसे ही पुलिस दल जंगल में पहुंचा, नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जो लगभग आधे घंटे चली। इस मुठभेड़ में सैट जवान अवध सिंह घायल हो गए। बाद में सर्च ऑपरेशन में दो शव मिले और एक नक्सली आशीष कुमार को घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया।
पप्पू लोहरा पर लंबा आपराधिक इतिहास
2009-10 से सक्रिय पप्पू लोहरा ने लातेहार और आसपास के जिलों में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था। वह लेवी वसूली, सरकारी परियोजनाओं में बाधा और आम लोगों में डर फैलाने के लिए कुख्यात था। उसके खिलाफ कई हत्या, लूट, धमकी और हमला जैसे संगीन मामलों में केस दर्ज थे। पप्पू लोहरा के खिलाफ कुल 98 मामले दर्ज थे ।
कुछ प्रमुख घटनाएं:
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2021 में नावाडीह जंगल में मुठभेड़ के दौरान झारखंड जगुआर के उपसमादेष्टा राजेश कुमार शहीद हुए।
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2024 में बोकाखांड़ में मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी घायल हुए।
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2019 में टोरी रेलवे कोल साइडिंग में सरकारी संपत्ति को आग लगा दी गई।
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2020 में दो आम नागरिकों की हत्या और एक को घायल कर दिया गया।
बरामदगी:
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1 इंसास रायफल
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20 कारतूस के खोखे
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2 मैगजीन वाले पाउच
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एक TVS बाइक (लाल-काला रंग)
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3 बैग, एक सोल्डर बैग, एक तिरपाल और प्लास्टिक शीट
पुलिस अब भी जंगल में सघन सर्च ऑपरेशन चला रही है ताकि बचकर भागे नक्सलियों को भी पकड़ा जा सके। पुलिस ने इस सफलता को सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन नीति का बड़ा पड़ाव बताया है।