रांची : जेएमएम के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने एक बार फिर सरकार और पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरूवार को लोबिन जेएमएम के केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए थे तो ये लगा कि अब पार्टी और लोबिन के बीच की दूरी खत्म हो गई है। लेकिन 24 घंटे के अंदर ही लोबिन ने फिर यू टर्न ले लिया। शुक्रवार को उन्होने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ वो अन्याय यात्रा निकालेंगे। उन्होने कहा कि राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों के साथ जो अन्याय हो रहा है उसको जन जन तक पहुंचाने के लिए अन्याय यात्रा निकालना है।
उन्होने कहा कि मैने शर्तो के साथ चंपाई सोरेन सरकार को समर्थन किया था कि आदिवासियों और मूलवासियों के कल्याण को लेकर कार्य किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं होगा तो विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा। पूर्व के हेमंत सोरेन सरकार ने गलतियां की जिसका परिणाम सामने है। पंकज मिश्रा और अभिषेक पिंटू की कार्यशौली पर हमने सवाल उठाया तो हमें ही किनारे लगा दिया गया। जो विधायक उस दौर में सच बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए वर्तमान स्थिति के लिए वो भी जिम्मेदार है।
राजमहल लोकसभा सीट पर दावेदारी को लेकर लोबिन ने कहा कि राजमहल सीट पर कौन मजबूत है उसका एक सर्वे करा ले तो सच पता चल जाएगा, अगर जनता चाहेगी तो निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। आदिवासी बचाव मोर्चा को जल्द ही राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता देने का आवेदन दिया जाएगा। उन्होने कहा कि वो शिबू सोरेन के चेला है और गुरू जी का चेला हमेशा रहेंगे अगर हम गुरू जी के कदम पर नहीं चले तो झारखंड का भला नहीं हो सकता है।
विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि सात मार्च को साहिबगंज के भोगनाडीह से अन्याय यात्रा की शुरुआत होगी ।उन्होंने कहा कि अन्याय यात्रा के माध्यम से राज्यभर के लोगों को यह बताया जाएगा कि कैसे हेमंत सोरेन की सरकार ने उनके साथ अन्याय किया है ।पुराने विधानसभा स्थित अपने आवास पर बोरियो से झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रम ने अपने अन्याय यात्रा को उलगुलान की संज्ञा देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस उम्मीद का झारखंड बनाने के सपना देखा था, वह आज भी अधूरा है।