Kalpna Soren झारखंड विधासनसभा में पहली बार बोल रही थीं । विपक्ष हंगामा कर रहा था । कैमरा कल्पना की ओर था । सब सुनना चाह रहे थे की गांडेय की विधायक और मुख्यमंत्री की पत्नी क्या कहेंगी । मगर सत्ता पक्ष को तो मानों इससे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था कि पहली बार विधानसभा में बोलने वाली कल्पना सोरेन को भी सुनना भी जरुरी है । हंगामे की बीच तीखे तेवर के साथ कल्पना सोरेन ने जैसे बी बोलना शुरु किया वैसे ही सत्ता पक्ष के विधायक इधर-उधर चलने लगे । मानों आम बात है ।
कल्पना के धुआंधार भाषण को नहीं मिला कांग्रेस का समर्थन
जरा सोचिए संसद में यही सीन रहता तो क्या होता । अगर विपक्ष की स्टार प्रचारक पहली बार चुन कर आई और वो भाषण दे रही हैं तो सत्ता पक्ष तो क्या विपक्ष भी बोलेन का मौका देता । लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विधानसभा स्पीकर रवींद्र महतो बोलते रहे मैडम का मेडन स्पीच हैं बोलने दिजीए लेकिन किसी को फर्क ही नहीं पड़ रहा था । सबसे हैरानी तो कांग्रेस के विधायकों को देख हो रही थी । कल्पना सोरेन पर कैमरे का फोकस था और सत्ता पक्ष के विधयाक बेतकल्लुफी से इधर-उधर मंडराते हुए दिखे। खास तौर से कांग्रेस के विधायकों में तो गंभीरता ही नजर नहीं आ रही थी ।
कल्पना के भाषण के दौरान कांग्रेस विधायकों की चहलकदमी
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जिस कल्पना सोरेन के सुनने के लिए भीड़ की भीड़ उमड़ा करती थी उसे उनके ही गठबंधन के विधायक सुनने के लिए राजी नहीें दिखे । कभी सिमडेगा के विधायक भूषण बाड़ा तो कभी कोलेबिरा के विधायक विक्सल कोेंगाड़ी कल्पना सोरेन के आगे से निकलते हुए दिखे। कल्पना बोल रहीं थी लेकिन किसी ने सुनने की जहमत नहीं उठाई । यहां तक की पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख भी कैमरे के सामने गमझा झारते हुए निकलते हुए नजर आए। मंत्री इरफान अंसारी भी कल्पना के भाषण को सिरयसली लेते हुए नहीं नजर आए ।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने दिखाई अनुशासनहीनता
सवाल यह कि जिस कल्पना सोरेन ने लोकसभा चुनाव के दौरान अकेले झारखंड की कमान संभाल ली उनके द्वारा विधानसभा में दिए जा रहे पहले भाषण को जानबूझ कर कांग्रेस विधायकों ने सिरयसली नहीं लिया या फिर विपक्ष की हंगामे की वजह से यह माहौल बना । सवाल यह भी उठ रहा है कि फ्लोर मैनेजमेंट को लेकर सत्ता पक्ष की लापरवाही भी यहां दिखी जो हैरान करने वाली बात थी । यहां तक की स्पीकर के बोलने के बाद भी सत्ता पक्ष के विधायक खासतौर से कांग्रेस विधायक ने ‘अनुशासनहीनता’दिखाई।