रांची: सीबीआई ने झारखंड लोक सेवा आयोग की पहली परीक्षा में गड़बड़ी कर नियुक्ति मामले में चार्जशीट दायर किया है। सीबीआई ने जिन 37 अभियुक्तों के खिलाफ आरापे पत्र दाखिल किया है उनमें जेपीएससी के पांच सदस्य, कॉपी जांचने वाले 12 परीक्षक के अलावा 20 परीक्षार्थी शामिल है। इन 20 परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ाकर राज्य सिविल सेवा में नियुक्ति की अनुशंसा आयोग द्वारा की गई थी। इसमें से ज्यादातर लोग अभी एडीएम रैंक के अधिकारी बनकर राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थापित है।
जेपीएससी वन सिविल सेवा परीक्षा में कुल 64 लोगों की नियुक्ति हुई थी, इसमें 20 नियुक्ति में गड़बड़ी पाई गई थी। सीबीआई ने जेपीएससी के अधिकारियों और कॉपियों की जांच करने वाले परीक्षकों पर दस्तावेज में जालसाजी कर इन 20 परीक्षार्थियों को जबरन सफल करने का आरोप लगाया था। फॉरेसिंक जांच के दौरान जबरन सफल घोषित किये गये परीक्षार्थियों के कॉपियों में कांटछांट कर नंबर बढ़ाने की पुष्टि हुई थी। सीबीआई ने कॉपियों को जांचने वाले 12 परीक्षकों पर भी इस गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया है। आरोपित परीक्षकों पर आयोग के सदस्यों के साथ साजिश रच कर अयोग्य परीक्षार्थियों को अधिक नंबर देने का आरोप लगाया गया है।
जेपीएससी वन और जेपीएससी टू की परीक्षा में गड़बड़ी करने और राजनीतिज्ञों के करीबी रिश्तेदारों को नियुक्ति करने का मामला प्रकाश में आने के बाद राष्ट्रपति शासन के दौरान निगरानी जांच का आदेश दिया गया था। इस मामले में निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की, हालांकि जांच में कोई खास प्रगति नहीं होने का आरोप लगाते हुए बुद्धवेद उरांव सहित अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इसके बाद 14 जून 2012 को हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिये।
जिन परीक्षाािर्थयों पर गलत तरीके से चयनित होने का आरोप है उनके नाम है- सीमा सिंह, विनय कुमार मिश्रा, सुषमा नीलम सोरेंग, ज्योति कुमारी झा, कुअंर सिंह पाहन, अलख कुमारी, मोहन लाल मरांडी, राम नारायण सिंह, सुदर्शन मुर्मू, जेम्स सुरीन, जितेंद्र मुंडा, पूनम कच्छप, हेमा प्रसाद, अनंत कुमार, राजीव कुमार, परमेश्वर मुंडा, संजीव कुमार, संतोष कुमार वर्मा, विजय वर्मा, कमलेश्वर नारायण।