रांची: झारखंड विधानसभा में शिक्षा बजट के कटौती प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने हेमंत सरकार पर हमला किया। नीरा यादव ने कहा कि झारखंड में युवाओं का भविष्य अंधकारमय है। नीरा यादव ने आरोप लगाया कि सात हजार स्कूलों में एक-एक शिक्षक हैं । सारा काम इन शिक्षकों को ही करना होता है । नीरा यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए कल्पना सोरेन रघुवर दास सरकार के दौरान शिक्षा व्यवस्था के हाल पर हमला किया ।
कल्पना सोरेन ने नीरा यादव को दिया जवाब
झारखंड विधानसभा में कल्पना सोरेन ने कहा कि रघुवर दास की सरकार में पहले चरण में छह हजार स्कूल बंद किए गए थे जबकि दूसरे चरण में अगर स्कूल बंद कर दिए जाते तो चौदह हजार स्कूल बंद हो जाते हैं । बराबरी का हक नहीं मिले इसलिए एकलव्य का अंगूठा काट दिया । इन्होंने हमारा अंगूठा काटने का काम किया था । नीरा यादव के बयान पर कल्पना सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल इलाका है, कॉलेज बच्चा तभी जाएगा जब बच्चा स्कूल जाएगा । पिछली सरकार ने जो काम किया था उसी से समस्या पैदा हुई लेकिन समाधान अबुआ सरकार निकाल रही है । कल्पना सोरेने ने पारा टीचर्स के आंदोलन के दौरान हुई लाठी चार्ज का जिक्र करते हुए हैं पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव पर हमला करते हुए कहा कि जब पारा शिक्षक बात करना चाहते थे तब नीरा यादव बहाना बना देती थी, कहती थी कि जब सीनियर बात कर रहे हैं तो वे क्या बोले । नीरा यादव ने ही मौजूदा सरकार की शिक्षा बजट पर सवाल उठाते हुए कई आरोप लगाए हैं ।
कल्पना सोरेन ने दिया हिसाब-किताब
कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए छात्रावासा बनाए जा रहे हैं । जेई मेंस में सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस के छात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है । उन्होंने कई आवासीय विद्यालयों के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि हजारों विद्यालयों में हाईटेक पढ़ाई हो रही है । विगत वर्षों में 12816 पीजीटी, 2612 पोस्ट ग्रैजुएट ट्रेंड टीचर्स की नियुक्ति की गई है । कल्पना सोरेन ने बताया कि 585 लैब असिस्टेंट की नियुक्ति की गई है ।
भूत सरसों में ही है
कल्पना सोरेन ने कहा कि भूत भगाने के लिए सरसों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन जब भूत सरसों में ही तो क्या किया जाए । कल्पना सोरेन से पहले विधानसभा में नीरा यादव ने कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए आरोप लगाया कि बीएड की पढ़ाई करने में अब डेढ़ लाख रुपए लग रहे हैं । उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षकों को पर्याप्त सैलरी नहीं मिल रही है और शिक्षकों में हीन भावना आ रही है । कई विश्वविद्यालयों में कुलपति नहीं है ।