गिरिडीह.. जेएमएम ने अपना 51वां स्थापना दिवस मनाया । इससे पहले धनबाद और दुमका में भी जेएमएम ने अपना स्थापना दिवस मनाया । एक पार्टी और अलग अलग स्थापना दिवस , पूछने वाले पूछ सकते हैं कि आखिर ऐसा क्यों ? झारखंड मुक्ति मोर्चा देश और दुनिया में एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल होगा जिसकी स्थापना दिवस अलग अलग तारीखों को होती है । जेएमएम ने २ फरवरी को दुमका में अपनी स्थापना दिवस मनाया फिर धनबाद में ४ फरवरी और गिरडीह में 4 मार्च को स्थापना दिवस मनाया गया ।
पा झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना धनबाद में 4 मार्च १९७३ को हुई थी । १९७३ से पार्टी के साथ जुड़े जेएमएम के केंद्रीय सदस्य कंसारी मंडल बताते हैं कि जब झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना हुई तो कामरेड एके राय, बिनोद बिहारी महतो और दिशोम गुरू शिबू सोरेन को सुनने के लिए पूरे झारखंड से लाखों लोग जुड़े थे । पैदल चल कर हजारों लोग अलग-अलग जिलों से पहुंचे थे । ना खाने का इंतजाम था और ना ही रहने का फिर भी इतनी संख्या में लोग पहुंचे कि गोल्फ ग्राउंड भर गया और हजारों लोग धनबाद की सड़कों पर घूमते रहे ।
खैर बात हो रही है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलग-अलग स्थापना दिवस मनाने पर । कंसारी मंडल बताते हैं कि उस वक्त धनबाद में पहला कार्यक्रम हुआ उसके बाद अलग-अलग जिलों से भी जेएमएम के नेताओं ने स्थापना दिवस मनाने की मांग की और फिर शुरु हुआ दुमका में स्थपाना दिवस जिसे दो फरवरी को मनाया जाने लगा इसके बाद गिरिडीह में चार मार्च और फिर हजारीबाग में भी स्थापना दिवस मनाया जाने लगा । इस तरह अलग-अलग तारीखों में जेएमएम के कार्यकर्ता स्थापना दिवस मनाने लगे ।