रांचीः कृषि विकास के क्षेत्र में झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक की भागीदारी बढ़ने जा रही है। झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक के द्वारा किसानों को दिए जाने वाले KCC लोन का आंकड़ा 200 करोड़ रुपए तक ले जाने की योजना है। रांची के हेसाग स्थित पशुपालन निदेशालय में झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक और नाबार्ड के साथ कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की की बैठक में इस पर चर्चा हुई।
बैठक में बैंक क्रॉसपोंडेंट की संख्या बढ़ाने के साथ उन्हें गतिशील बनाने का निर्देश दिया गया है। माइक्रो ATM की उपयोगिता और लेनदेन को लेकर भी भविष्य की कार्य योजना तैयार की गई है। को-ऑपरेटिव बैंक के द्वारा दिए जाने वाले लोन में ST/ SC/ OBC समाज की भागीदारी को बढ़ाने का दिशा निर्देश भी दिया गया है। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि अब झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक के बोर्ड की बैठक हर माह होगी। पहले माह में बोर्ड की बैठक में जहां एजेंडा पर चर्चा होगी, वही दूसरे माह एजेंडे की समीक्षा की जाएगी।
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बोर्ड के सदस्यों को 7 दिन पहले एजेंडा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं होने पर बोर्ड की बैठक अमान्य करार दी जाएगी। झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष के जिला भ्रमण की जानकारी सभी निदेशक को 7 दिन पहले दी जाएगी। बोर्ड की बैठक में तैयार प्रोसिडिंग पर सभी सदस्य हस्ताक्षर करेंगे। जबकि 4 दिनों के अंदर प्रोसिडिंग की कॉपी भी सभी सदस्य को उपलब्ध करा दी जाएगी।
बोर्ड के सदस्य दो दिनों के अंदर किसी भी एजेंडे पर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। को-ऑपरेटिव बैंक के लिए दिए गए दिशा निर्देश मई माह से मान्य होंगे। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की को ऑपरेटिव बैंक और नाबार्ड के साथ अगले 4 महीने के बाद फिर समीक्षा करेंगी। बैठक में विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीख , निबंधक सूरज कुमार , झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष विभा सिंह, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य और नाबार्ड के अधिकारी मौजूद थे।