रांचीः स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और रिम्स निदेशक डॉक्टर राजकुमार के बीच तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। रिम्स निदेशक को हटाने का मामला हाईकोर्ट से निष्पादन होने के 3 दिन बाद फिर डॉक्टर राजकुमार को शोकॉज किया है। यह शोकॉज शासी परिषद के अध्यक्ष सह स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने किया है। इसमें आधा दर्जन से अधिक बिंदुओं पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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सूत्रों के अनुसार, शोकॉज में ज्यादातर बिंदु रिम्स नियामवली 2002 और रिम्स रेगुलेशन 2014 के उल्लंघन से जुड़े है। इसके अलावा जीबी की अंतिम बैठक के फैसलों को भी नहीं मानने का आरोप है। वहीं निदेशक के बेटे की रिम्स में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स में नामांकन, रिम्स का इंटरनल कमेटी में बेटे को शामिल करने का मामला भी है। वहीं रिम्स में खरीददारी से जुड़े मामलों पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसमें बिना विभागीय स्वीकृति के खरीददारी की बात कही गई है।
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शोकॉज में रिम्स डॉक्टरों की प्रमोशन को लेकर भी जवाब मांगा गया है। पूछा गया है कि अब प्रमोशन का मामला जीबी की बैठक में लंबित था तो बगैर विभागीय सहमति के रिजल्ट जारी कैसे किया गया। उन पर विभागीय निर्देशों का पालन न करने का भी आरोप है। इधर डॉक्टर राजकुमार ने फिर कहा है कि उन्होने कुछ भी गलत नहीं किया है। सभी काम नियम से किए गए हैं। विभाग ने जो शोकॉज किया है, उसके हर बिंदू पर जवाब दूंगा।
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रिम्स जीबी की 15 अप्रैल को हुई 59वीं बैठक में बकाया भुगतान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और रिम्स निदेशक के बीच नोंक-झोंक से मामले की शुरूआत हुई थी। फिर 17 अप्रैल की रात शासी परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर इरफान अंसारी ने डॉक्टर राजकुमार को निदेशक पद से हटा दिया। वे 21 अप्रैल को हाईकोर्ट पहुंचे। इसके बाद 6 मई को विभाग द्वारा निदेशक को हटाने का आदेश वापस लेने के बाद कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया था। इस शोकॉज के बाद एक बार फिर मंत्री और निदेशक आमने-सामने हो गये है।