Hemant Soren: झारखंड की राजनीति में बदलाव हो रहा है। जेल से छुटे हेमंत सोरेन फिर से राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। संभावना जताई जा रही है कि गुरुवार को राजपाल भवन की ओर से उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिन निर्धारित की जाएगी। क्योंकि शुक्रवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर सारंगी का शपथ ग्रहण समारोह होगा।
चंपाई सोरेन ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंप दिया। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। इसके बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। अब हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री होंगे। हेमंत और चंपाई के साथ मिलने गए नेताओं ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें जल्द सरकार बनाने के लिए न्योता देने की बात कही है। तब तक चंपाई सोरेन को पद पर बने रहने के लिए कहा गया है।
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‘इंडिया’ ने क्यों सौंपी हेमंत को कमान
सत्तापक्ष के विधायकों की बैठक के बाद इरफान अंसारी, प्रदीप यादव ने कहा कि हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है। राजेश कच्छप ने कहा कि ‘चंपाई सोरेन सरकार के रक्षक हैं। उन्होंने विषम परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारी बखूबी संभाली है। चुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इसलिए उन्हें कमान सौंपने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल, इस साल के अंत तक झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। हेमंत सोरेन बीते 5 महीनों से जेल में बंद थे। ‘इंडिया’ गठबंधन लगातार भाजपा पर साजिश के तहत हेमंत सोरेन को जेल में बंद करने का आरोप लगाती रही। इस दौरान लोकसभा चुनाव भी हुआ जिसमें भाजपा को तीन सीटों पर नुकसान सहना पड़ा। ऐसे में ‘इंडिया’ आगामी चुनाव हेमंत सोरेन के फेस पर लड़ना चाहती है।
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कब लेंगे तीसरी बार सीएम पद की शपथ
संभावना जताई जा रही है कि हेमंत सोरेन सात जुलाई को शपथ ले सकते हैं। उनके साथ कुछ अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे। वे तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। राज्य में बढ़ती राजनीतिक तपिश के बीच गवर्नर हैदराबाद से बुधवार शाम रांची लौट आए। इसके बाद चंपाई सोरेन ने उनसे मिलकर इस्तीफा सौंपा। इसके बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि शपथ के लिए सात जुलाई का समय मांगा गया, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है।
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हेमंत के जेल से बाहर आते ही बदली सियासत
28 जून को जमानत मिलने पर पांच माह बाद हेमंत सोरेन के बाहर आते ही सूबे में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलने लगा। हेमंत ने सत्ताधारी दल के सभी विधायकों की बुधवार को बैठक बुलाई। तभी से इस बात की पूरी संभावना जताई जाने लगी थी कि नेतृत्व परिवर्तन होगा और कमान एक बार फिर हेमंत सोरेन के हाथों में सौंपी जाएगी।
इंडिया गठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, राजद के सत्यानंद भोक्ता के अलावा सभी मंत्री शामिल थे। वहीं बैठक में लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा को छोड़कर गठबंधन के सभी विधायक शामिल थे। बैठक के प्रारंभ में ही हेमंत सोरेन ने बताया कि किस तरह से उन्हें भाजपा ने षड्यंत्र कर जेल में बंद रखा। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने हेमंत को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया।