पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन से नाराजगी की खबरों पर सोमवार को चुप्पी तोड़ी। उन्होने कहा कि इंडिया गठबंधन से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। उन्होने कहा कि पद को लेकर उनकी कोई इच्छा नहीं है ये बात उन्होने पहले ही कह दिया था। उन्होने कहा कि वो शुरू से तय अपने रूख पर कायम है। मुझे किसी तरह की कोई जिम्मेदारी नहीं चाहिए, मै सिर्फ प्रंक्रिया में तेजी लाने की बात कह रहा हूं, और इसी को लेकर पहल कर रहा हूं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेय की जयंती के अवसर पर हो रहे कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे संयोजक बनाने की बात हुई थी,लेकिन मैने इंकार कर दिया था, पद को लेकर मेरी कोई इच्छा नहीं है। उन्होने गठबंधन दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कहा कि मीटिंग में हमने कह दिया कि हर राज्यों का तय कर लीजिये, सब एक कर लीजिये, फिर सब लोग बैठेंगे और तय हो जाएगा। जिसको जहां सीट मिलेगा वो वहां चुनाव लड़ेगा, ये बात हम लगातार कहते आ रहे है। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है, जरा भी नाराज नहीं है। हमने कह दिया है जिनको जो बनाना है बनाईए, लेकिन मेरी कोई इच्छा नहीं है। उन्होने आगे कहा कि हम यह बात शुरू से बोल रहे है, लेकिन क्या कीजियेगा, कुछ से कुछ बोल देते है, हम कही कुछ नहीं बोलते, सिवाय तेजी से आगे कि प्रक्रिया के अलावा।
अटल बिहारी वाजपेय को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उनसे बहुत ही पुराना संबंध रहा है, आज उनका जन्मदिन है, उनसे ज्यादा अच्छे संबंध रहे है। उन्होने अपने कैबिनेट में जगह दी, तीन तीन विभागों की जिम्मेदारी दी। इतना मानते थे कि उन्होने ही मुझे मुख्यमंत्री बनाया, उनके प्रति प्रेम था बहुत मानते थे। उनके प्रति आदर का भाव है और आजीवन रहेगा। वो जितने दिन प्रधानमंत्री रहे कभी किसी धर्म के लोगों को दिक्कत नहीं हुई, बहुत अच्छे ढ़ंग से सबकुछ चलाते थे। हमलोगों का उनसे लगाव है और लगाव रहेगा। उनका इतना अच्छा काम था, मीटिंग में मेरे प्रस्ताव को तुरंत स्वीकारते थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खड़े उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि सबकुछ समय पर होगा।
इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक में ममता बनर्जी और केजरीवाल द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करने को लेकर नाराजगी की खबरों पर नीतीश कुमार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया 19 दिन बाद दी। कहा ये जा रहा था कि खरगे का नाम आते ही नीतीश कुमार इतने असहज हो गए कि गठबंधन के संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में भी नहीं शामिल हुए।