रांचीः अजय टोप्पो के परिजनों को यकीन नहीं हो रहा है कि 11 वर्ष बाद उससे मुलाकात हो जाएगी । रांची के धुर्वा बाजार में चाचा के साथ घूमने आए अजय टोप्पो ऐसे गायब हो गए जिसका पता तब तक नहीं लग सका जब तक कि बांग्लादेश से उन्हें 24 परगना में छोड़ नहीं दिया । 9 वर्षों के बाद किसी तरह रांची पुलिस की मदद से अजय टोप्पो को फिर से अपने परिवार से मिलने का मौका मिला है ।
अजय टोप्पो का इंतजार करते-करते उनकी मां दो महीने पहले ही गुजर चुकी है । परिवार में दादी, चाची , बुआ और बहनें हैं । रांची के नामकुम थाना से जब अजय टोप्पो के मिलने की खबर आई तो परिजनों के आंसू बहने लगे । 11 वर्ष बाद अजय टोप्पो अपनी धरती पर पहुंच कर खुश है । रांची पुलिस उसे 24 परगना से लेकर आई थी ।

वर्ष 2014 में अजय टोप्पो अपने चाचा के साथ धुर्वा बाजार गया था जहां से किसी तरह भटकते-भटकते बांग्लादेश सीमा क्रास कर गया । बांग्लादेश पुलिस ने अवैध ढंग से देश में दाखिल होने के आरोप में जेल में बंद कर दिया जिसके बाद दिसंबर 2024 को उसे बंगाल में छोड़ दिया गया । यहां से 24 परगना पुलिस ने झारखंड पुलिस से संपर्क कर उसका अता-पता पूछा। अजय टोप्पो की नागरिकता का सत्यापन हुआ जिसमें कई महीनों का वक्त लग गया ।
राहत ही की बात ये है रांची पुलिस ने चिट्ठी पत्री करके अजय टोप्पो की नागरिकता का पता लगाया और परिजनों से उसकी मुलाकात कराई । हांलाकि अगर वक्त रहते अजय टोप्पो के बारे में जानकारी मिल जाती तो उसे इतने दिनों तक जेल में रहना नहीं पड़ता । और कम से कम बांग्लादेश जेल से रिहा होने के बाद फौरन वापस अपने घर आ जाता तो मां के दर्शन हो जाते ।







