रांचीः झारखंड के स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जमशेदपुर के गालूडीह में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर निजी स्कूलों द्वारा कॉपी, किताब, स्कूल बैग, यूनिफॉर्म और री-एडमिशन के नाम पर फीस वसूलने के बारे में स्कूल समिति द्वारा जिला स्तरीय समिति के पास कोई शिकायत दर्ज करायी जाती है, तो सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी। मनमानी करनेवाले निजी स्कूलों पर 50 हजार रुपये से लेकर ढ़ाई लाख तक जुर्माना वसूला जायेगा। मंत्री ने कहा, झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 में ही पारित हुआ था।
साहिबगंज में दो मालगाड़ियों के आपस में टकराने पर लगी भीषण आग, हादसे में दो लोको पायलट की मौत
मंत्री ने आगे कहा कि पूर्व की सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। सदन में मुझसे निजी स्कूलों की मनमानी पर सवाल पूछा गया था। मैने इस पर स्पष्ट कर दिया है कि अब झारखंड में निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के आलोक में 15 दिनों के अंदर स्कूल के स्तर पर शुल्क समिति व जिला स्तर पर जिला समिति का गठन करने को कहा गया है।
सिरमटोली सरना स्थल से रैंप हटाने को लेकर हंगामा करने वालों पर कार्रवाई, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव सहित 24 पर प्राथमिकी दर्ज
उन्होने आगे कहा कि विद्यालय स्तर पर शुल्क निर्धारण के लिए गठित कमेटी में बच्चों के अभिभावक के साथ शिक्षक भी शामिल होंगे। प्रावधान के अनुरूप निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा मनोनीत जनप्रतिनिधि कमेटी के अध्यक्ष होंगे। विद्यालय के प्राचार्य, सचिव, विद्यालय प्रबंधन द्वारा मनोनीत तीन शिक्षक व शिक्षक संघ द्वारा नामित चार माता-पिता इसके सदस्य होंगे। स्कूल प्रबंधन को फीस निर्धारण के एजेंडा और बैठक की जानकारी एक हफ्ता पहले देनी होगी। स्कूल समिति अगर तय समय में शुल्क निर्धारण में विफल रहता है तो प्रबंधन यह प्रस्ताव जिलस्तरीय कमेटी के समक्ष रखेगा। स्कूल में अगर पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ोतरी की जाती है तो इसको जिला कमेटी को भेजा जायेगा।