रांचीः झारखंड के एक औऱ आईएएस अधिकारी पर ED की गाज गिर सकती है । मनीष रंजन ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें चौबीस मई को पेश होने का निर्देश दिया है । माना जा रहा है की मनीष रंजन को टेंडर कमीशन मामले में समन किया गया है। इस कांड में मंत्री आलमगीर आलम, निजी सचिव संजीव लाल और उनका सहायक जहांगीर आलम पहले ही जेल जा चुके हैं।
6 मई को ईडी कर चुकी है करोड़ों रुपए जब्त
6 मई को मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी और उनके नौकर जहांगीर आलम के घर ईडी ने छापेमारी की थी। दो दिनों तक इस मामले में हुई छापेमारी के दौरान 37 करोड़ रूपये से ज्यादा के कैश और कमीशन के लेन देन को लेकर नोटों के बीच कई पर्चियां और कई दस्तावेज भी मिले थे। इन दस्तावेजों में कमीशन के रूप में दी जाने वाली रकम का भी जिक्र था। ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के मामले को लेकर संजीव लाल और जहांगीर आलम के घर छापेमारी की गई और उसके बाद ईडी ने समन देकर मंत्री को बुलाया और 14 मई को उन्हे गिरफ्तार कर लिया।
आलमगीर आलम को मिलता था कमीशन
ईडी ने कोर्ट में दिये गये मंत्री के रिमांड पिटीशन में दावा किया था कि मंत्री को कमीशन के रूप में 1.50 प्रतिशत रकम दी जाती थी। इससे पहले वीरेंद्र राम ने भी डेढ़ प्रतिशत कमीशन मिलने की बात कही थी। ईडी की टीम अब इन दस्तावेजों के आधार पर कमीशन देने और लेने वालों की कुंडली खंगाल रही है।