Ranchi: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की जमानत याचिका पर ईडी की विशेष कोर्ट (ED Court) में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत में दोनों पक्षों की ओर लिखित बहस भी दाखिल किया गया है। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
31 जनवरी को हेमंत सोरेन हुए थे गिरफ्तार
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को रांची से उनके ही आवास से गिरफ्तार कर लिया था । उन पर अवैध तरीके से जमीन खरीदने का आरोप है । पीएमएलए कोर्ट में ईडी उनके खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है।
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फर्जी रिकॉर्ड बना कर जमीन खरीदने का आरोप
ईडी ने दावा किया है कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि झामुमो नेता रांची में कथित भूमि संबंधी अनियमितताओं में मुख्य लाभार्थी हैं, जहां दलालों और व्यापारियों का एक नेटवर्क कथित तौर पर रजिस्ट्रार कार्यालयों में फर्जी रिकॉर्ड बनाकर जमीन के पार्सल के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए वर्षों से काम कर रहा था। और आगे उन्हें बेच रहे हैं।
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अमित अग्रवाल की गिरफ्तार के बाद कई खुलासे
माना जाता कि पिछले साल 7 जून को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए कोलकाता के व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल के बयान की वजह से हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई । अग्रवाल पर झारखंड के कई नेताओं के फंड हैंडलर होने का आरोप है । ईडी ने 12 जून, 2023 को कथित भूमि घोटाले में पहले ही आरोप पत्र दायर कर दिया है।
जिसमें अमित अग्रवाल, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस) छवि रंजन और आठ अन्य व्यक्तियों – दिलीप कुमार घोष (अग्रवाल के करीबी सहयोगी), प्रदीप बागची, को नामित किया गया है। अफसर अली (जमीन संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेज बनाने वाला कथित सरगना), मोहम्मद सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज अहमद, भानु प्रताप प्रसाद भी गिरफ्तार हैं।