रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों ने अपने विभाग में जाकर कार्यभार संभाल लिया है। इसके साथ ही मंत्रियों ने अपने आप्त सचिव को लेकर अनुशंसा भी कर दी है। राज्य सरकार इसका बहुत सावधान होकर चल रही है, पिछली सरकार में हुई त्रुटियों से बचने की पूरी कोशिश जारी है, इसको को देखते हुए राज्य सरकार अब मंत्रियों द्वारा दिये गए आप्त सचिव की पुलिस वेरिफिकेशन कराने जा रही है। पिछली सरकार में तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल के मामले को लेकर इसबार विशेष सावधानी बरती जा रही है। आलमगीर आलम और उनके तत्कालीन आप्त सचिव अभी जेल में है जिनके नौकर के घर ईडी ने लोकसभा चुनाव से पहले छापेमारी कर करीब 30 करोड़ रुपये कैश पकड़े थे।
रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्कूली छात्राओं के साथ हुई छेड़खानी मामले में मुख्यमंत्री सख्त, DC और SSP को दिया कार्रवाई का निर्देश
हेमंत सोरेन सरकार में शामिल मंत्रियों ने जो आप्त सचिव के नाम दिये है उनमें उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने राजमहल के एसडीओ कपिल कुमार के नाम की अनुशंसा की है। वहीं परिवहन एवं राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने रवि कुमार की, नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने विनय प्रकाश तिग्गा की, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर के बीडीओ मनोरंजन कुमार की, आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने सिमडेगा के एसडीओ अनुराग लकड़ा की, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने संदीप पांडेय के नाम की अनुशंसा की है।