रांचीः सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को राज्य में सहायक आचार्य नियुक्ति को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए झारखंड के मुख्य सचिव एवं जेएसएससी सचिव को एक माह के अंदर सहायक आचार्य नियुक्ति का परिणाम जारी कर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर सरकार की ओर से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं किया जाता है तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद कुमार ठाकुर एवं अन्य की ओर से सहायक आचार्य परीक्षा में सीटेट अभ्यर्थियों शामिल रखने के आग्रह करने वाली एसएलपी पर भी सुनवाई की। अदालत ने अरविंद कुमार ठाकुर एवं अन्य की दलील को अस्वीकार करते हुए इसे कोर्ट के समय को व्यर्थ करना बताया। अदालत ने उनकी एसएलपी खारिज करते हुए उनपर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अरविंद कुमार ठाकुर एवं अन्य की ओर से सहायक आचार्य परीक्षा नियुक्ति में सीटेट अभ्यर्थियों को फिर से शामिल रखने का आग्रह करते हुए एसएलपी दाखिल की गई थी। जिसमें राज्य सरकार की ओर से सबसे पहले दाखिल शपथ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार सहायक आचार्य नियुक्ति के विज्ञापन को वापस लेने पर विचार कर रही है।
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उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि पूर्व में सीटेट संघ की बतों को सुना गया है। फिर से उन्हीं मुद्दों को नहीं सुना जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के कड़े रूप को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने पूर्व के शपथ पत्र को संशोधित करते हुए कहा था कि सहायक आचार्य नियुक्ति का परिणाम जल्द प्रकाशित कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में परिमल कुमार एवं अन्य की ओर से वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने पक्ष रखा। वहीं, सीटेट अभ्यर्थियों अरविंद कुमार एवं अन्य की ओर से मनिका गुरुस्वामी ने पक्ष रखा। बता दें कि जेएसएससी की ओर से विज्ञानप जारी कर 26001 सहायक आचार्य के पदों पर नियुक्ति की जा रही है।