देवघर : गोड्डा लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद पार्टी के तीन विधायकों के बीच आपसी टकराव और खिंचतान तेज हो गया है। दीपिका पांडे सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने के बाद कलह और खुलकर सामने आ गया है।
दीपिका पांडे सिंह का विरोध जारी
गोड्डा में लोकसभा उम्मीदवार बदलने की मांग को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार बैठक कर रहे है। प्रदीप यादव के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता दीपिका पांडे की जगह प्रदीप यादव को टिकट देने की मांग कर रहे है। गोड्डा और पोडैयाहाट विधानसभा क्षेत्र के 1000 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने बैठक कर कांग्रेस आलाकमान से उम्मीदवार बदलने की मांग कर रहे है। वही दूसरी ओर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी भी उम्मीदवार पर फिर से विचार करने की बात कह रहे है। इरफान का तो ये कहना है कि अगर निशिकांत दुबे को कोई टक्कर दे सकता है या हरा सकता है तो वो सिर्फ फुरकान अंसारी है। इरफान अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वीडियो शेयर कर कार्यकर्ताओं के दवाब देने के बहाने कांग्रेस नेतृत्व पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहे है। उन्होने एक वीडियो शेयर किया जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता उनका घेराव कर रहे है और कहा रहे है कि गोड्डा से कांग्रेस का उम्मीदवार बदलवा दें। जब अनूप सिंह दिल्ली जाकर अपनी पत्नी के लिए धनबाद से टिकट ला सकते है तो इरफान अपने पिता के लिए क्यों नहीं दिल्ली जा रहे है। ऐसा कर इरफान कांग्रेस आलाकमान पर दवाब बनाने के साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार दीपिका पांडे सिंह की राह में रोड़े लगा रहे है।
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राहुल भी नहीं खत्म कर पा रहे है टकराव
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी इन नेताओं के बीच के टकराव को खत्म नहीं कर पा रहे है। शनिवार को भागलपुर जाने के दौरान राहुल गांधी देवघर एयरपोर्ट पहुंचे थे जहां ये तीनों नेता भी मौजूद थे। जिस समय ये तीनों विधायक राहुल गांधी के साथ थे उसी समय गोड्डा में दीपिका पांडे का विरोध हो रहा था। राहुल गांधी के कहने के बावजूद भी प्रदीप यादव और इरफान अंसारी खुलकर दीपिका पांडे सिंह के समर्थन में नहीं आ रहे है और न ही कोई संदेश दे रहे है। जहा एक ओर दीपिका कह रही है वो फुरकान चाचा, प्रदीप भैया, इरफान जी को मना लेंगी वही इरफान और प्रदीप अभी भी दीपिका को खुले दिल से पार्टी का उम्मीदवार स्वीकार नहीं कर पा रहे है। कांग्रेस के इस आपसी खींचतान का फायदा बीजेपी उम्मीदवार को हो सकता है अगर कांग्रेस आपसी कलह को खत्म कर लेगी तो निशिकांत दुबे से मुकाबला कर सकती है लेकिन अभी तक तो कांग्रेस के नेता आपस में ही लड़ते हुए दिख रहे है।