भारत की कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और विकास के लिए हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 100 जिलों में कम उत्पादकता, फसल विविधता की कमी, और सिंचाई सुविधाओं में सुधार जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का लक्ष्य:
- संवर्धित कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना।
- फसल विविधता और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना।
- सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना।
इससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण कार्यक्रम
इस व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत:
- ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, और भूमिहीन परिवारों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- प्रौद्योगिकी और कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।
दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन
भारत की खाद्य सुरक्षा में सुधार के लिए हमारी सरकार ने दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की है। तूर, उड़द, और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ अगले 6 वर्षों में इस मिशन को लागू किया जाएगा।
राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन
इस मिशन के तहत, अधिक पैदावार और जलवायु अनुकूल बीजों का विकास किया जाएगा, जिससे किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी।
मखाना बोर्ड का गठन
बिहार में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया जा रहा है, जो उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में सुधार लाएगा।
कपास उत्पादकता मिशन
भारत के कपास उत्पादकों के लिए कपास उत्पादकता मिशन की शुरुआत की गई है। यह मिशन किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सर्वोत्तम सहायता उपलब्ध कराएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना
7.7 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब 5 लाख रुपये तक का अल्पकालिक ऋण मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता
असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की उत्पादन क्षमता वाले नए यूरिया संयंत्र की स्थापना से भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भारतीय डाक की भूमिका
1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों के नेटवर्क के साथ भारतीय डाक, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए समर्थन
- एमएसएमई वर्गीकरण मानदंड में संशोधन: निवेश और कारोबार की सीमा क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाई जाएगी।
- ऋण उपलब्धता में वृद्धि:
- सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए गारंटी कवर ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़।
- स्टार्टअप्स के लिए गारंटी कवर ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹20 करोड़।
- क्रेडिट कार्ड सुविधा: उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए ₹5 लाख की सीमा वाला क्रेडिट कार्ड।
- स्टार्टअप्स के लिए निधियों का विस्तार: ₹10,000 करोड़ के नए अंशदान के साथ कोष की स्थापना।
- महिला, अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमियों के लिए योजना: ₹2 करोड़ तक के ऋण की सुविधा।
रोजगार और उद्योगों को बढ़ावा
- श्रम-सघन क्षेत्रों के लिए उपाय: रोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ाने के लिए विशेष नीतियां।
- फुटवियर और लेदर सेक्टर: 22 लाख रोजगार, ₹4 लाख करोड़ का कारोबार और ₹1.1 लाख करोड़ का निर्यात लक्ष्य।
- खिलौना क्षेत्र: ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने की योजना।
- खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा: बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना।
- ‘मेक इन इंडिया’ मिशन: राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना।
- स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण: ईवी बैटरी, सोलर पीवी सेल, विंड टर्बाइन आदि के लिए घरेलू इकोसिस्टम का विकास।
निवेश और अवसंरचना विकास
- जल जीवन मिशन: 100% कवरेज के लिए 2028 तक विस्तार।
- शहरी सुधार और अवसंरचना: ₹1 लाख करोड़ की शहरी चुनौती निधि।
- परमाणु ऊर्जा मिशन: 2047 तक 100 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य, लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) विकसित करने के लिए ₹20,000 करोड़ का परिव्यय।
- पोत निर्माण: वित्तीय सहायता नीति नवीनीकरण, भारतीय यार्डों में शिप ब्रेकिंग को बढ़ावा।
- उड़ान योजना: 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी का विस्तार।
सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0
- 8 करोड़ से अधिक बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सहायता।
- आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर क्षेत्र की 20 लाख किशोरियों को पोषण सहायता।
- लागत मानदंडों में वृद्धि।
शिक्षा और कौशल विकास
- अटल टिंकरिंग लैब्स: 50,000 नई प्रयोगशालाएं सरकारी स्कूलों में।
- ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी: सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और पीएचसी में।
- भारतीय भाषा पुस्तक स्कीम: स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए डिजिटल पुस्तकों की योजना।
- राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र: वैश्विक भागीदारी के साथ 5 नए केंद्र।
- आईआईटी क्षमता विस्तार: 5 नए आईआईटी में अवसंरचना विकास।
- शिक्षा हेतु एआई उत्कृष्टता केंद्र: 500 करोड़ की लागत से नया केंद्र।
चिकित्सा और स्वास्थ्य
- चिकित्सा शिक्षा: 10,000 नई स्नातक और स्नातकोत्तर सीटें।
- डे-केयर कैंसर केंद्र: सभी जिला अस्पतालों में, 2025-26 में 200 केंद्र।
आजीविका और आर्थिक सुधार
- शहरी आजीविका योजना: कमजोर वर्गों के लिए आर्थिक सहायता।
- पीएम स्वनिधि: स्ट्रीट वेंडरों के लिए 30,000 तक यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड।
- गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा: 1 करोड़ कामगारों को पीएम जन आरोग्य योजना।
अवसंरचना और निवेश
- पीपीपी आधारित परियोजनाएं: 3-वर्षीय पाइपलाइन योजना।
- राज्यों को सहायता: 1.5 लाख करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण।
- परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना: 2025-30 के लिए 10 लाख करोड़ का निवेश।
जल आपूर्ति और शहरी सुधार
- जल जीवन मिशन: 2028 तक विस्तार, ग्रामीण पाइप जल आपूर्ति पर जोर।
- शहरी सुधार: 1 लाख करोड़ की शहरी चुनौती निधि।
ऊर्जा और विनिर्माण
- बिजली सुधार: राज्यों को 0.5% अतिरिक्त उधारी की अनुमति।
- परमाणु ऊर्जा मिशन: 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा लक्ष्य।
- पोत निर्माण: वित्तीय सहायता नीति का नवीनीकरण।
- सामुद्रिक विकास निधि: 25,000 करोड़ की निधि।
परिवहन और हवाई कनेक्टिविटी
- उड़ान योजना: 120 नए गंतव्यों के लिए संशोधित योजना।
- बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट: भविष्य की जरूरतों को पूरा करने हेतु।
कृषि और खनन सुधार
- पश्चिमी कोशी नहर परियोजना: बिहार के 50,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को लाभ।
- खनन सुधार: राज्य खनन सूचकांक की स्थापना।
आवास और शहरी विकास
- स्वामिह निधि 2: 1 लाख आवासीय इकाइयों को शीघ्र पूरा करने का लक्ष्य।
नवाचार और अनुसंधान
- डीप टेक निधियों का कोष: अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को समर्थन।
- पीएम अनुसंधान छात्रवृत्ति: 10,000 शोधकर्ताओं को वित्तीय सहायता।
- राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन: डिजिटल बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण हेतु।
निर्यात और व्यापार संवर्धन
- निर्यात संवर्धन मिशन: एमएसएमई को विदेशी बाजारों में सहायता।
- भारत ट्रेडनेट: व्यापार प्रलेखन और वित्तीय समाधान के लिए डिजिटल अवसंरचना।
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकरण: घरेलू विनिर्माण को सहायता।