जमशेदपुरः पूर्व आईपीएस अधिकारी और जमशेदपुर में बीजेपी के संयोजक राजीव रंजन सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है । उन्होंने बीजेपी पर परिवारवादी और गुटबाज़ी का आरोप लगाते हुए सभी पद छोड़ दिया । जमशेदपुर पश्चिमी से सरयू राय को टिकट दिए जाने से नाराज़ राजीव रंजन ने आरोप लगाया कि इतने वर्षों तक पार्टी की सेवा करने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया ।
पढ़िए इस्तीफ़े की चिट्ठी में क्या लिखा ?
बड़े भारी मन एवं दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि जिस असीमानंद और उम्मीद के साथ संघ के नीतियों से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी से लगभग 3 दशक पूर्व जुड़ा था एवं आजीवन सदस्य बन बैठा। आज उन नीतियों एवं आदर्शों को तार-तार होते देखकर भाजपा के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ।
मुख्य कारण यह है कि जमशेदपुर से भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं बनाया गया। मुख्य कारण यह है कि भाजपा ने एक ठेकेदार को जिस तरह से पारिवारिक राजनीति बना रहा, यह दर्शाता है कि भाजपा अपने नीतियों एवं विचारों से और उस मूल्य एवं आदर्शों के बिल्कुल विपरीत कार्य कर रहा है।
मैं उन तमाम भाजपा के उन कार्यकर्ताओं को जोड़ रहा हूँ और आज विवश होकर भाजपा से इस्तीफा दिए हैं, इन तमाम अनियमितताओं एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में मुझे भी असीम पीड़ा हुई और दिलीप उपाध्याय ने भी पुस्तक में लिखीं तमाम भावनाओं पर ध्यान आने के बाद यह जानने के बाद महसूस हुआ कि भाजपा गलत रास्ते पर चल रही और भाजपा को आइना दिखाने के लिए इस्तीफा पत्र करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
मैं एक प्रशासनिक अधिकारी रहा हूँ और 32 वर्ष तक बहुत ही निष्ठावान एवं निडरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया हूँ। 6 जिले में अपनी सेवा के दौरान कई बार कानून एवं आदर्शों को बनाए रखने के कठोर निर्णय अपने कार्यकाल के दौरान लिए, जिससे उस समय के आताताई भी खुश नहीं रहे हों, लेकिन अपने दायित्वों का निर्वहन मैंने पूरी तरह से किया।
राजनीति में आने से पहले मेरे कई दोस्तों ने कहा कि राजनीति बहुत गंदी होती है। इसके बावजूद मैंने उस समय यह सोचा था कि राजनीति में सफाई करने के लिए संस्कार एवं विचारधारा सम्पन्न युवा राजनीति में आने चाहिए। मैंने हमेशा यही सोचा था। इसलिए आज अंतरात्मा की आवाज़ को सुनते हुए पार्टी को छोड़कर स्वतंत्र रूप से राजनीति करने का फैसला किया। मैंने लगातार अपने कोई राजनीतिक लाभ जागरूकता नहीं बनाते हुए विधानसभा चुनाव में समर्पित कार्यकर्ताओं एवं समाज के स्वयंसेवक बना रहे।
जातिगत समीकरण के लिहाज़ से राजीव रंजन सिंह का अपना जनाधार माना जा रहा है। उनके इस्तीफ़े से सरयू राय को नुक़सान हो सकता है। गौरतबल है कि एनएडीए के तहत सरयू राय के खाते में यह सीट चल गई है । सरयू राय ने हाल में ही जेडीयू ज्वाइन किया है ।