डेस्कः सोमवार रात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने सबको चौका दिया। धनखड़ इस्तीफा देंगे इसकी जानकारी उनके स्टॉफ तक को नहीं थी, सीधे उन्होने इस्तीफा दे दिया। उनके राज्यसभा के उपसभापति का पद छोड़ने से सब हैरान रह गए। विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धनखड़ को मनाने का काम करें। धनखड़ का कार्यकाल अभी दो साल बचा हुआ था, कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले वो देश के तीसरे राष्ट्रपति बने।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, राजनीतिक गलियारों में मची खलबली
क्या हुआ था सोमवार को
सोमवार को धनखड़ का स्टाफ उनके आने वाले दिनों की योजना को लेकर प्रेस रिलीज जारी कर रहा था। इसमें दलों के नेताओं से मुलाकात से लेकर बुधवार को राजस्थान के रियल एस्टेट डेवलपर्स से मीटिंग तक शामिल थे। मामले के जानकार बताते हैं कि खुद धनखड़ ने घोषणा से पहले तीन बैठकों की अगुवाई की।जानकारों का यह भी कहना है कि इस बात की संभावनाएं बेहद कम हैं कि धनखड़ ने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ चर्चा बगैर इस्तीफा आगे बढ़ाया हो। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
इनमें सत्र से पहले फ्लोर लीडर्स से मिलना और दोपहर में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के साथ दो दौर की मीटिंग शामिल है। ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे संकेत मिलें कि धनखड़ इस्तीफे की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने राज्यसभा की भी अध्यक्षता की।दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर उनके स्टाफ ने जयपुर में रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ आगामी मीटिंग को लेकर बयान जारी किया। शामिल 4 बजकर 7 मिनट पर धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए मिले हस्ताक्षरों पर चर्चा की।
सोमवार शाम को Business Advisory Committee की बैठक में उपराष्ट्रपति के साथ समूचा विपक्ष था लेकिन बीजेपी की तरफ़ से जो पी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री नहीं आए।धनकड़ ( मंगलवार) को कमेटी को लंच पर बुला रहे थे। ये बात लगभग 4 बजे के आसपास की है।और कुछ घंटे बाद उनका इस्तीफ़ा हो गया।
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विपक्ष ने क्या कहा
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, ‘उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा देना जितना चौंकाने वाला है, उतना ही समझ से परे भी। मैं आज शाम लगभग पांच बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था और शाम साढ़े सात बजे उनसे फोन पर बात की थी।’उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी, लेकिन स्पष्ट रूप से उनके पूरी तरह से अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक कुछ है। हालांकि, यह अटकलों का समय नहीं है।’
रमेश ने कहा, ‘धनखड़ ने सरकार और विपक्ष, दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया। उन्होंने मंगलवार दोपहर एक बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक तय की थी। वह कल न्यायपालिका से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं भी करने वाले थे।’कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘हम उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं, लेकिन उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध करते हैं। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी, धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए मनाएंगे। यही देशहित में होगा। विशेषकर कृषक समुदाय को काफी राहत मिलेगी।’







