रांची: तीन दिवसीय धरती आबा ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल (DAFF 2025) का सफल समापन गुरुवार को मोराबादी स्थित डॉ. रामदयाल मुंडा ट्राइबल वेलफेयर रिसर्च इंस्टीट्यूट में हुआ। 14 से 16 अक्टूबर तक आयोजित यह महोत्सव भारतीय आदिवासी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। जनजातीय कार्य मंत्रालय और झारखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस आयोजन में आदिवासी जीवन, पहचान और सामाजिक परिवर्तन पर आधारित देशभर की 52 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
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कार्यक्रम का उद्घाटन कल्याण मंत्री चामरा लिंडा ने किया था। उन्होंने कहा कि “सिनेमा जनजातीय जीवन, कला और संस्कृति को संरक्षित करने का सबसे सशक्त माध्यम है।” उन्होंने संस्थान की आयोजन क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि यह महोत्सव झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को नए स्तर पर ले गया है।
महोत्सव के दूसरे दिन नागपुरी फीचर फिल्म ‘सेलेस्टिना एंड लॉरेंस’ की स्क्रीनिंग के दौरान सभागार खचाखच भरा रहा। निर्देशक विक्रम कुमार के साथ संवाद सत्र में दर्शकों ने क्षेत्रीय कथाओं के साथ गहरा जुड़ाव व्यक्त किया। इसके बाद “आदिवासी सिनेमा इन फोकस: द आर्ट ऑफ स्ट्रक्चरल लर्निंग एंड अनलर्निंग” विषय पर पैनल चर्चा हुई, जिसका संचालन स्नेहा मुंडारी ने किया। चर्चाकारों में निर्देशक श्यामा कर्मकार और कृष्णा सोरेन शामिल थे। दोनों ने कहा कि तकनीकी दक्षता जरूरी है, पर रचनात्मकता मानव अनुभव से ही आती है — कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) केवल एक उपकरण है। उन्होंने झारखंडी सिनेमा के विकास में तीन प्रमुख चुनौतियों का उल्लेख किया—भाषा की बाधा, मुख्य भूमिकाओं में आदिवासियों का सीमित प्रतिनिधित्व और दर्शकों तक सीमित पहुँच।
अंतिम दिन निर्देशक उमुल जुनो सोरेन ने अपनी फिल्म ‘साकाम ओरेक (डिवोर्स)’ पर चर्चा की। अभिनेता व ज्यूरी सदस्य महादेव टोप्पो, जिन्होंने ‘जादूगोड़ा’ फिल्म में भूमिका निभाई, भी इस चर्चा में शामिल हुए। सेमिनारों में आदिवासी सिनेमा की भूमिका पर विचार हुआ कि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक दस्तावेज है जो पारंपरिक भाषाओं, लोककथाओं और जीवनशैली को संरक्षित करता है।
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समापन समारोह में कल्याण मंत्री चामरा लिंडा, पूर्व आईएएस रणेंद्र कुमार, उपनिदेशक मोनिका रानी टुटी और फिल्मकार मेघनाथ उपस्थित रहे।
पुरस्कार विजेता फिल्में:
फीचर फिल्म श्रेणी:
🥇 येक्सिक्स डॉटर – प्रथम पुरस्कार (₹1,00,000)
🥈 सेलेस्टिना एंड लॉरेंस – द्वितीय पुरस्कार (₹60,000)
🥉 डिवोर्स – तृतीय पुरस्कार (₹40,000)लघु फिल्म श्रेणी:
🥇 क्रॉस रोड – प्रथम पुरस्कार (₹50,000)
🥈 पुइसा डेयर – द्वितीय पुरस्कार (₹30,000)
🥉 पपाया – तृतीय पुरस्कार (₹20,000)दीर्घ वृत्तचित्र (Long Documentary):
🥇 बॉन्डेड – प्रथम (₹80,000)
🥈 द बर्ड, द प्रीस्ट एंड 16 मिलेट थीव्स – द्वितीय (₹50,000)लघु वृत्तचित्र (Short Documentary):
🥇 रुखु माटिर दुखु माझी (सोन ऑफ द बैरन लैंड) – प्रथम (₹50,000)
🥈 जमीन मा का फूल – द्वितीय (₹30,000)
🥉 मैन, मेलोडी एंड डॉल्स – तृतीय (₹20,000)
🎖️ विशेष ज्यूरी उल्लेख: इनविज़िबल और Ngul Ge Seb,
तथा लघु वृत्तचित्र अलेया हसन अलेया हक को भी विशेष सम्मान मिला।
धरती आबा ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल 2025 की अपार सफलता ने झारखंडी सिनेमा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दी है। यह आयोजन आने वाले वर्षों में आदिवासी सिनेमा के लिए एक स्थायी वार्षिक परंपरा के रूप में स्थापित हो गया है।








