रांची: झारखंड-बिहार समेत देशभर में भीषण गर्मी जानलेवा बन गई है। बढ़ती गर्मी और हीटवेव से देश भर में लोगों की मौत की खबरें आ रही है। बिहार में गर्मी से सबसे ज्यादा मौते हुई है, अबतक 55 से ज्यादा लोगों ने गर्मी की वजह से अपनी जान गवां दी है। वही झारखंड में भी 23 लोगों की मौत हीटवेव से हो चुकी है। इसके साथ ही ओडिशा में भी 10 लोगों की मौत भीषण गर्मी की वजह से हो चुकी है।
बिहार और झारखंड के ज्यादातर जिलों में पारा गुरूवार को 45 डिग्री के पार चला गया। झारखंड के पलामू में गर्मी की वजह से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्थान में 7 और यूपी में एक लोगों की जान भीषण गर्मी ने ले ली है। हालांकि राजधानी रांची समेत झारखंड के कई जिलों में शुक्रवार को हल्की बारिश होने से गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली है। मौसम विभाग के अनुसार झारखंड और बिहार में मानूसन 15 से 17 जून तक दस्तक दे सकती है।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को स्कूल बुलाने को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि बिहार में NDA सरकार की हठधर्मिता के कारण भीषण गर्मी में विद्यालय खोलने से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की मौत की खबर है। विपक्ष के दबाव में एक दिन पहले स्कूल बंद किए लेकिन फिर भी इस जानलेवा गर्मी में शिक्षकों को स्कूल आने के कड़े निर्देश दिए गए है। जब छात्र ही स्कूल में नहीं रहेंगे तो शिक्षक क्या करेंगे? इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को अवश्य ही छुट्टी देनी चाहिए। बिहार की NDA सरकार शिक्षकों के प्रति ऐसे अमानवीय निर्णय क्यों ले रही है? मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल वातानुकूलित कमरों में आराम फ़रमा शिक्षकों की जान लेने पर आमादा क्यों है?