डेस्क: बिहार-झारखंड के सबसे बड़े महापर्व छठ पूजा का बुधवार को तीसरा दिन है। नहाय-खाय और खरना के बाद बुधवार को डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। भगवान सूर्य और छठी मैया की विधिवत पूजा की जाती है। फिर शाम में अर्ध्य दिया जाता है।
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छठ पूजा की शुरूआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय से होती है। यह पावन त्यौहार चार दिनों तक चलता है। छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्य देव की उपासना से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख समृद्धि का वरदान मिलता है।
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छठ पूजा के चौथे दिन सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन हो जाता है। आज यानी 7 नवंबर को छठ पूजा का तीसरा दिन है और इस दिन सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य तो दिया ही जाता है, लेकिन अर्घ्य देने के बाद शाम में व्रती महिलाएं व्रत कथा का पाठ भी करती हैं।कहा जाता है कि संध्या अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं को इस व्रत कथा का पाठ करना बेहद जरूरी है।
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द्रिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 7 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6:42 बजे होगा. वहीं, सूर्यास्त शाम 5:48 बजे होगा. इस दिन भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. ऐसे में छठ पर्व के तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शाम 5 बजकर 29 मिनट तक का समय रहेगा