चतरा : बीते सात फरवरी को पोस्ता-अफीम विनष्टीकरण अभियान पर निकले सुरक्षाबलों के साथ नक्सलियों की भीषण मुठभेड़ में दो जवानों की शहादत का बदला लेने को लेकर चतरा पुलिस ने कमर कस ली है। इलाके में सक्रिय नक्सलियों के आर्थिक स्रोत पर करारा प्रहार कर उन्हें नेस्तनाबूद करने के उद्देश्य से पुलिस के जांबाज टेक्नोलॉजी के सहारे नक्सलियों के मांद में घुस चुके हैं। जिस जगह पर पुलिस के दो जवानों की शहादत हुई थी, उसी स्थान से रविवार को एकबार फिर से जिला पुलिस ने पोस्ता-अफीम उन्मूलन अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का नेतृत्व एसीडीपीओ संदीप सुमन कर रहे हैं। अभियान में सीआरपीएफ, आईआरबी व वन विभाग के साथ-साथ जिला बल के जवान शामिल हैं। अभियान में शामिल अधिकारी और जवान ड्रोन कैमरा के सहारे पहले इलाके की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उसके बाद इनपुट के आधार पर विभिन्न टुकड़ियां बनाकर नक्सलियों के संरक्षण में लगाए गए पोस्ता-अफीम माफियाओं और तस्करों द्वारा लगाए गए सफेद जहर की खेती (अफीम) को नष्ट कर रहे हैं। अभियान की शुरुआत भुइयांडीह से हुई है। इसके बाद गम्हारतरी, नारायनतरी होते सुरक्षाबल हेठ बैरियो पहुंची। जहां बीहड़ जंगल के बीच नदी के दोनों ओर करीब 12 एकड़ वन भूमि में लहलहा रहे पोस्ता की फसल को नष्ट किया गया। अभियान का नेतृत्व कर रहे एसडीपीओ संदीप सुमन ने बताया कि एसपी राकेश रंजन के निर्देश पर जिले में अलग-अलग स्थानों पर एक साथ पोस्ता अफीम उन्मूलन महाभियान की शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि पोस्ता उन्मूलन अभियान की शुरुआत उसी जगह से की गई है, जहां हमारे दो जवानों ने शहादत दी थी। चतरा पुलिस पोस्ता और अफीम उन्मूलन अभियान निरंतर जारी रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि चतरा जिले में ना तो नक्सली बचेंगे और ना ही पोस्ता व अफीम बचेगा। बताते चलें कि बीते 7 फरवरी को पोस्ता की खेती को नष्ट कर चतरा लौट रही पुलिस पार्टी पर गम्हारतरी के पास नक्सलियों ने हमला बोल दिया था। जिसमें पुलिस के दो जवान सिकंदर सिंह व सुकन राम शहीद हो गए थे। वहीं आरक्षी आकाश सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। घात लगाकर नक्सलियों द्वारा किए गए इस कायराना हरकत के बाद उग्रवादियों के साथ-साथ उनके संरक्षण में आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे पोस्ता और अफीम तस्करों के हौसले बुलंद थे। लेकिन घटनास्थल के पास से पुलिस ने अभियान की शुरुआत कर पोस्ता और अफीम तस्करों के साथ-साथ नक्सलियों को यह साफ संदेश दे दिया है कि उनके नापाक मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। ना तो नक्सलियों को पनपने दिया जाएगा और ना ही उनके संरक्षण में तस्कर पोस्ता की खेती कर पाएंगे। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र में रविवार को कुल 40 एकड़ वनभूमि में लगे पोस्ता की फसल को नष्ट किया गया।