रांची : झारखंड में जाति आधारित जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने दिल्ली जाने से पहले इसकी मंजूरी दे दी। कार्मिक विभाग के जिम्मे जातीय जनगणना का कार्य होगा। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने शनिवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा था। उन्होने अपने ज्ञापन में जातीय जनगणना कराने की मांग करते हुए सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की थी।
इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार भी जातीय जनगणना कराने के पक्ष में थी, लेकिन कौन विभाग करायेगा यह स्पष्ट नहीं था। राज्य कार्यपालिका नियमावली में जनगणना का भूमि एवं राजस्व सुधार विभाग को आवंटित है, लेकिन जाति आधारित जनगणना का काम कार्यपालिका नियमावली में किसी विभाग को आवंटित नहीं था। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सरकार ने यह गतिरोध दूर कर लिया है। सरकार की मंजूरी के बाद अब कार्मिक विभाग जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव तैयार करेगा।
झारखंड में जातीय जनगणना का मामला बार बार उठता रहा है, कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने यह मामला ध्यानाकार्षण के माध्यम से लाया था कि सरकार जातीय जनगणना कराने के पक्ष में है या नहीं। आजसू विधायक लंबोदर महतो भी यह मामला सदन के अंदर लेकर पहुंचे थे।
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय जनगणना करा ली है। इसके बाद भारत जोड़ो न्याय यात्रा में आये राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री के सामने जातीय जनगणना कराने की बात कही थी। उन्होने कहा था कि केंद्र में उनकी सरकार आएगी तो देश भर में जातीय जनगणना कराया जाएगा। राहुल ने सरना धर्म कोड़ का मामला भी झारखंड में उठाया था और कहा था कि उनकी सरकार बनेगी तो सरना धर्म कोड़ लागे किया जाएगा।
चंपाई सोरेन सरकार का मास्टर स्ट्रोक : झारखंड में जातीय जनगण्ना को सीएम की मंजूरी, कार्मिक विभाग को मिली जिम्मेवारी

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