झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कैबिनेट का विस्तार गुरुवार को होगा। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार राजभवन के अशोक उद्यान में दोपहर 12.30 बजे सबसे पहले स्टीफन मरांडी को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाएंगे। इसके बाद झामुमो, कांग्रेस और राजद कोटे के 10 से 11 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। झामुमो कोटे से पांच या छह विधायक, कांग्रेस से चार और राजद से एक विधायक मंत्री बनेंगे।
झामुमो ने अगर एक सीट रिजर्व रखी तो पांच विधायक ही मंत्री पद की शपथ लेंगे। जानकारी के अनुसार, एक-दो मंत्री के नाम पर बुधवार की रात तक मंथन चलता रहा। गुरुवार की सुबह मंत्रियों के नाम राजभवन को भेजा गया है।
झामुमो-कांग्रेस से कौन बन सकता है मंत्री
झामुमो कोटे से अगर छह विधायक मंत्री बनते हैं तो उनमें रामदास सोरेन, दीपक बिरुआ, हफीजुल हसन, सविता महतो, अनंत प्रताप देव और सुदिव्य कुमार सोनू के नाम सबसे आगे हैं। कांग्रेस में चार मंत्रियों के नाम तय करने के बाद गुरुवार देर शाम पेच फंस गया। देर रात तक नामों पर फिर से मंथन होता रहा। उसके बाद प्रमंडल और जातीय आधार पर मंत्रियों के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं।
अल्पसंख्यक कोटे से डॉ इरफान अंसारी और अनुसूचित जनजाति कोटे से शिल्पा नेहा तिर्की के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। वहीं, ओबीसी कोटे से दीपिका पांडेय सिंह और अनुसूचित जाति कोटे से राधाकृष्ण किशोर का नाम लगभग तय माना जा रहा है। कांग्रेस से चारों मंत्रियों के नाम पर सहमति बनने के बाद अब पार्टी विधायक दल के नेता पर मंथन जारी है। इस दौड़ में डॉ रामेश्वर उरांव, कुमार जयमंगल और नमन विक्सल कोंगाड़ी दौड़ में आगे चल रहे हैं।
संजय प्रसाद यादव होंगे राजद कोटे से मंत्री
राजद की ओर से मंत्री का नाम तय कर दिया गया है। गोड्डा से विधायक संजय प्रसाद यादव राजद कोटे से मंत्री होंगे। उन्होंने भाजपा विधायक अमित मंडल को चुनाव में पराजित किया है। संजय प्रसाद यादव लालू प्रसाद के करीबी माने जाते हैं। बता दें कि देवघर के विधायक सुरेश पासवान को भी मंत्री बनाने की चर्चा जोरों पर थी। हालांकि वे पहले ही राजद विधायक दल के नेता चुने जा चुके हैं।
झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर देर शाम दिल्ली से रांची पहुंचे। उन्होंने कहा कि देर रात तक शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम राजभवन भेज दिये जाएंगे। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नाम भेज दिये जाएंगे। कांग्रेस कोटे से बनाये जाने वाले नामों में क्षेत्र, जाति और अनुभव का ख्याल रखा गया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता और विधायक दल के उपनेता के नाम भी तय किये जायेंगे।