रामगढ़: रामगढ़ के पतरातू के बिचिया गांव के अरविंद के साहस की कहानी जंगल की आग की तरह फैल रही है । पांच साल का मासूम इतना बहादुर हो सकता है किसी को यकीन नहीं हो रहा है। पड़ोस में रहने वाला ऋषभ खेल-खेल में करंट की चपेट में आ गया और कई मिनटों तक बिजली की तार से चिपका रहा । उसकी बहन चीखती रही । इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला अरविंद स्कूल से लौटा तो उसने दोस्त ऋषभ की बहन की आवाज सुनी तो भागा-भागा पड़ोस में पहुंचा और फिर वहां उसने वो काम किया जो बन गई साहस और वीरता की कहानी ।
मासूम अरविंद ने ऐसे बचाई ऋषभ की जान
रागमढ़ के पतरातु के बिचा पंचायत के अरविंद और ऋषभ के माता-पिता अपने-अपने खेतों में धान की बुआई में लगे थे । दोनों बच्चे स्कूल में थे । ऋषम पहले घर आ चुका था और वो खेल रहा था तभी बिजली के तार में उसका हाथ लग गया । ऋषभ चीखने लगा उसकी बहन चाह कर भी बचा नहीं पा रही थी और मदद की पुकार लगा रही थी। आस-पास के लोग खेतों में गए थे । तभी अरविंद स्कूल से लौटा और उसने चीख-पुकार सुन कर मदद करने पहुंचा । महज पांच साल के अरविंद ने दिमाग लगा कर मोबाइल चार्चर के तार में बिजली के तार को फंसा उसे ऋषभ से अलग किया और उसकी जान बचा ली ।
कई घंटे तक बेहोश रहा ऋषभ
जब तक अरविंद ने ऋषभ को बिजली के तार से बचाया था तब तक ऋषभ बेहोश हो चुका था । इस दौरान खेत में कर रहे माता-पिता भागे-भागे घर पहुंचे तो देखा कि ऋषभ अचेत है लेकिन सांसें चल रही हैं । फौरन ऋषभ को अस्पताल पहुंचाया गया । चार दिनों तक इलाज चला और लगभग अड़तालीस घंटे बाद उसे होश आया । घर वाले इसे चमत्कार मान रहे हैं । ऋषभ का परिवार अरविंद का शुक्रिया अदा करते थक नहीं रहा ।
अरविंद को मिलेगा वीरता पुरस्कार ?
अरविंद की बहादुरी की खबरें सुनने के बाद पूरे इलाके में उसकी चर्चा हो रही है । आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता विजय साहू ने मुलाकात कर बच्चों को बधाई दी और बहादुरी की प्रशंसा की और वीरता पुरस्कार दिए जाने की मांग की है । माना जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन अगर लापरवाही नहीं बरते तो राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार के लिए सिफारिश कर सकता है।