पलामू: जमशेदपुर से जेएमएम उम्मीदवार समीर मोहंती द्वारा शिकायत पत्र लिखकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहार दुबे के खिलाफ बूथ खर्च का पैसा गबन करने का जो आरोप लगाया था वो मामला अब तूल पकड़ रहा है। बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अब समीर मोहंती के पत्र की फोरेंसिक जांच कराने की मांग की है। मोहंती ने जेएमएम और कांग्रेस नेतृत्व को पत्र लिखकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत की थी, हालांकि अगले दिन ही वो पलट गए और पत्र को विरोधियों की साजिश बताई और उसमें किये गए हस्ताक्षर को फर्जी बताया।
Samir Mohanty का यूटर्न: बूथ मैनेजमेंट के लिए कांग्रेस जिलाध्यक्ष को रूपये देने की बात से किया इंकार, शिकायत पत्र को बताया फर्जी
बाबूलाल मरांडी ने समीर मोहंती के यूटर्न लेने के बाद अब पलामू में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा उस पत्र की फोरेसिंक जांच होनी चाहिए और चुनाव आयोग इसकी जांच कराये और पता लगाएं कि वो पत्र जेएमएम उम्मीदवार ने लिखी है या नही। एक बूथ पर चार से छह हजार रूपये के साथ 25 लाख रूपये अतिरिक्त का जिक्र किया गया है। अगर यह सही है तो सिर्फ इस पत्र के माध्यम से एक लोकसभा क्षेत्र में कम से कम 1.5 करोड़ रूपये खर्च किए गए है, जबकि चुनाव आयोग ने लाेकसभा के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 95 लाख रूपये ही निर्धारित किए है। यह तो एक लोकसभा सीट की कहानी उभर कर सामने आई है। इससे स्पष्ट पता चलता है कि झामुमो व कांग्रेस के लोग जहां भी अवसर मिलता है वहां लूट का कोई मौका नहीं छोड़ते है। बोरा में पैसे भर कर इस चुनाव में खर्च किए गए। एक-एक बूथ पर JMM द्वारा एक-एक लाख रूपये तक खर्च करने की बात सामने आई है।
JMM प्रत्याशी ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर लगाया चुनाव खर्च का पैसा गबन करने का आरोप, दिये 6 हजार प्रति बूथ बांटे 4 हजार
झारखंड की सभी पांच ST सुरक्षित सीट पर मिली हार का कारण पूछे जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने बताया कि 15 से 17 जून तीन दिनों तक चुनाव परिणाम की समीक्षा की जा रही है। लेकिन जो प्रथम दृष्टया में कारण सामने आ रहे है उससे यह प्रतित होता है चुनावों में आदिवासी, दलित व ओबीसी वर्ग के लोगों को एनडीए गठबंधन को 400 सीट मिलने की स्थिति में संविधान संशोधन का भय दिखाया गया। पूछे जाने पर बताया कि लोकसभा चुनाव के परिणामों की समीक्षा के बाद आसन्न विधानसभा चुनावों की तैयारी प्रारंभ की जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पलामू सहित पूरे राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है, इस स्थिति में राज्य सरकार आम लोगों तक पानी-बिजली पहुंचाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी नल से जल योजना झारखंड सरकार की भेट चढ़ गई है, वहीं प्रत्येक पंचायत 10-10 चापाकल लगाने की योजना अभी तक शुरू नहीं की जा सकी। आम जनता के साथ पशु-पक्षी भी त्राहिमाम कर रहे है, पलामू के पांकी में पानी की तलाश में 30 से अधिक बंदरों की मौत कुंआ में डूब कर हाे जाती है। लेकिन इससे राज्य सरकार का आम आदमी सहित पशु-पक्षियों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।