रांचीः झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी 30 सितंबर 2025 को रिटायर हो रही है। शनिवार से गुरुवार तक सचिवालय में अवकाश रहेगा। ऐसे में शुक्रवार को उनका अंतिम कार्यदिवस था। सरकार ने अब तक नए मुख्य सचिव पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। मंगलवार तक फैसला आने की उम्मीद है।
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मुख्य सचिव की रेस में राज्य के दो वरीय आईएएस अधिकारी शामिल है। 1996 बैच की आईएएस अधिकारी कैबिनेट सचिवालय व गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल और 1993 बैच के वरीय आईएएस अधिकारी मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार सबसे आगे है। अलका तिवारी को छोड़कर झारखंड कैडर में कुल छह आईएएस अधिकारी मुख्य सचिव रैंक में हैं। इनमें तीन अधिकारी 1991 बैच के आईएएस अधिकारी शैलेश कुमार सिंह, 1992 बैच की निधि खरे और सत्येंद्र सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। सीएस बनने के लिए इन तीनों के झारखंड आने की अब कोई संभावना नहीं है। राज्य में अभी सीएस रैंक में अविनाश कुमार, अजय कुमार सिंह और नीतिन मदन कुलकर्णी हैं।
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बहरहाल राज्य में तैनात अफसरों में से ही किसी अधिकारी के अगले मुख्य सचिव बनने की संभावना है। वर्तमान परिस्थिति में अविनाश कुमार और वंदना दादेल में से किसी एक के मुख्य सचिव बनने की सबसे अधिक उम्मीद है। वैसे वंदना दादेल अभी मुख्य सचिप रैंक की अधिकारी नहीं है। वे एक जनवरी 2026 से सीएस रैंक में आएंगी। लेकिन प्रावधान और परंपरा के आधार पर प्रधान सचिव रैंक के किसी अधिकारी को तीन माह के लिए प्रभारी मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। इसके आधार पर वंदना दादले को अक्टूबर से दिसंबर तक की अवधि के लिए प्रभारी मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। फिर सीएस रैंक में आ जाने के बाद ये नियमित सीएस हो सकती हैं। इस बात की एक संभावना है, लेकिन वरीयता के आधार पर देखे तो मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार के मुख्य सचिव बनने की संभावना कहीं ज्यादा दिखाई दे रही है।







